'Howdy Modi' में मोदी-ट्रंप की मुलाकात पर पाक के पूर्व राजदूत का भारत के समर्थन में बड़ा बयान
पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप दोनों पहली बार इस तरह के एक बड़े कार्यक्रम Howdy Modi को संबोधित करेंगे।
नई दिल्ली, एजेंसी। 22 सितंबर, 2019 भारत के लिए एक अहम दिन। टेक्सास के ह्यूस्टन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक बेहद ही बड़ा कार्यक्रम है। इसमें वह भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करेंगे। ह्यूस्टन, भारतीयों का गढ़ माना जाता है तो यहां उस दौरान लगभग 50,000 के आस-पास लोगों की मौजूदगी हो सकती है। इस कार्यक्रम में 60 अमेरिकी सांसद भी साथ होंगे, लेकिन बड़ी बात तो यह है कि इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शिरकत करेंगे।
हाल में ट्रंप और मोदी की दोस्ती भी सबके सामने आई थी, लेकिन ट्रंप के इस कार्यक्रम में शामिल होने के मायने क्या है, इस बारे में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने बताया। उन्होंने ऐसी बात कही है जो भारत के लिए तो अच्छी है, लेकिन पाकिस्तान के लिए एक बहुत बड़ा झटका है।
उन्होंने कहा, 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम में पीएम मोदी के साथ ट्रंप का रहना दर्शाता है कि ट्रंप, मोदी को अपना मित्र और सहयोगी मानते हैं।' उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप कार्यक्रम में शामिल होकर साफतौर पर संकेत दे रहे हैं कि वे भले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से मिले हो, मेजबानी की हो, लेकिन वह अपना मित्र और सहयोगी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ही मानते हैं। बता दें कि हुसैन हक्कानी एक मशहूर पाकिस्तानी लेखक और अमेरिका में पाकिस्तान के एंबेसडर रह चुके है। उनके द्वारा पाकिस्तान पर कई लोकप्रिय पुस्तकें लिखी गई है।
दुनिया के दो बड़े लोकतांत्रिक देशों के नेता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के ह्यूस्टन शहर में हाउडी मोदी कार्यक्रम में 50,000 भारतीयों को एकसाथ संबोधित करेंगे। पीएम नरेंद्र मोदी के दोबारा सत्ता में आने के बाद यह उनका अमेरिका में पहला कार्यक्रम है।
राष्ट्रपति ट्रंप नरेंद्र मोदी के साथ कार्यक्रम में भाग लेंगे
व्हाइट हाउस ने जारी किए बयान में कहा था कि ट्रंप ह्यूस्टन में 22 सितंबर को आयोजित होने वाले 'Howdy Modi' कार्यक्रम में मोदी के साथ शामिल होंगे जिसमें 50,000 भारतीय अमेरिकी मौजूद रहेंगे। बता दें कि पीएम मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप के बीच होने वाली ये इस साल की तीसरी मुलाकात होगी। इससे पहले दोनों नेता जून में G20, फिर G7 समिट में मिले थे। बड़ी बात यह है कि पहली बार ये दोनों नेता इस तरह एक बड़े कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।