ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के निशाने पर क्यों है कांग्रेस पार्टी, जानें क्या है मंशा
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली के दौरे पर हैं। उनके साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनाव विश्लेषक प्रशांत किशोर भी हैं। इस दौरान देश भर में पार्टी के विस्तार करने के मकसद से कई नेताओं शामिल किया गया है।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी इन दिनों दिल्ली के दौरे पर हैं। उनके साथ पार्टी महासचिव अभिषेक बनर्जी और चुनाव विश्लेषक प्रशांत किशोर भी हैं। इस दौरान देश भर में पार्टी के विस्तार करने के मकसद से कई नेताओं शामिल किया गया है। इनमें जनता दल यूनाइटेड (JDU) के पूर्व नेता पवन वर्मा, पूर्व क्रिकेटर और कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, उनकी पत्नी पूनम आजाद और हरियाणा कांग्रेस के पूर्व नेता अशोक तंवर शामिल हैं। लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी रहे सुधींद्र कुलकर्णी और जावेद अख्तर ने मंगलवार को टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी से मुलाकात की है। कयास लग रहे हैं, दोनों तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं। पार्टी ने मुकुल रॉय और पूर्व मंत्री राजीव बनर्जी सहित बंगाल में कई नेताओं का भी स्वागत किया है, जो चुनाव से पहले भाजपा की हार के कुछ महीने बाद फिर से शामिल हो गए थे।
कांग्रेस के कई नेता तृणमूल कांग्रेस में हुए शामिल
माना जा रहा है कि ममता बनर्जी और प्रशांत किशोर के निशाने पर कांग्रेस है। ममता बनर्जी कांग्रेस को लगातार झटके पर झटका दे रही हैं। यही कारण है कि वह कांग्रेस पृष्ठभूमि वाले नेताओं को पार्टी में शामिल कर रही हैं। देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी के कई नेता हाल ही में टीएमसी में शामिल हुए हैं। इस साल की शुरुआत में असम में कांग्रेस नेता सुष्मिता देव और गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरियो टीएमसी में शामिल हुए थे। इसके लिए अलग-अलग राज्यों में टीएमसी का संगठन मजबूत किया जा रहा है, ताकि 2024 के लोकसभा चुनाव में टीएमसी का एक मजबूत संगठन और पूरे देश भर में मौजूदगी के साथ उतर सकें।
जानें क्या है रणनीति
बंगाल चुनाव में तृणमूल की जबरदस्त जीत के बाद ममता बनर्जी विपक्ष को भाजपा के खिलाफ एकजुट होने के आह्वान में एक प्रेरक शक्ति के रूप में उभरी हैं। ममता बनर्जी, प्रशांत किशोर और अभिषेक बनर्जी की मुख्य रणनीति यह है कि भाजपा के मुकाबले तृणमूल कांग्रेस को मुख्य प्रतिद्वंदी के रूप में प्रचारित करना है, ताकि 2024 के चुनाव में विपक्ष के चेहरे के रूप में राहुल गांधी के बजाय ममता बनर्जी को आगे किया जाए। प्रशांत किशोर इससे पहले कई बार कांग्रेस और राहुल गांधी पर हमला कर चुके हैं। इसके अलावा तृणमूल कांग्रेस को राष्ट्रीय पार्टी के रूप में उभारना एक मुख्य लक्ष्य है। इसके लिए पार्टी को 4 राज्यों में 6 फीसद वोट हासिल करना होगा। यही कारण है कि तृणमूल कांग्रेस बंगाल से बाहर छोटे राज्यों में शक्ति परीक्षण कर रही है। त्रिपुरा में अभिषेक बनर्जी (जहां 2023 में चुनाव होंगे) और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गोवा में प्रचार कर रही हैं (जहां 2022 में चुनाव होंगे)।
ममता बनर्जी पर बिफरे अधीर रंजन चौधरी
मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के दिल्ली दौरे को लेकर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी काफी क्षुब्ध हैं। उन्होंने ममता पर यह कहते हुए जमकर निशाना साधा कि वह दिल्ली नेताओं को खरीदने के लिए गई हैं। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता चौधरी ने कहा है कि ममता बनर्जी दिल्ली में खरीद फरोख्त करने और भाजपा के साथ साठगांठ करने के लिए गई हैं। कांग्रेस नेता ने यह दावा किया कि परोक्ष रूप से बंगाल की मुख्यमंत्री और भाजपा के बीच एक गठबंधन है।