मैं राहुल गांधी बोल रहा हूं, अपनी पसंद बताएं
राहुल गांधी शक्तिएप के जरिये खुद सीधे लोगों से रायशुमारी कर रहे हैं। हर संभावित नाम पर रायशुमारी और संभावित नाराजगी का आकलन किया जा रहा।
रायपुर(नईदुनिया)। छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में लौटी कांग्रेस कोई चूक नहीं करना चाहती। 15 वर्ष का वनवास दूर करने के लिए पूरे चुनाव के दौरान जिस तरह से पार्टी के बड़े चेहरों और मुख्यमंत्री पद के दावेदारों ने आपसी एकजुटता दिखाई, उसी तरह अब मुख्यमंत्री को लेकर भी सतर्क हैं।
राहुल गांधी शक्तिएप के जरिये खुद सीधे लोगों से रायशुमारी कर रहे हैं। हर संभावित नाम पर रायशुमारी और संभावित नाराजगी का आकलन किया जा रहा।छत्तीसगढ़ में पहली बार कांग्रेस की निर्वाचित सरकार बनाने जा रही है। स्थानीय नेताओं का मानना है कि राज्य बनने के बाद हाईकमान से मुख्यमंत्री की नियुक्ति को लेकर जो चूक हुई थी, उस का खामियाजा पार्टी को 15 वर्ष के वनवास के रूप में भुगतना पड़ा।
पार्टी सूत्रों की मानें तो मुख्यमंत्री के लिए पीसीसी अध्यक्ष भूपेश बघेल और नेता-प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव रेस में आगे होते दिख रहे हैं। हालांकि, पार्टी, सांसद ताम्रध्वज साहू के नाम पर भी रायशुमारी करा रही है। इन नेताओं की खूबी और कमजोरी का भी आकलन किया जा रहा है। बुधवार शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक होनी थी तो इससे पहले प्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र के विशिष्ठजनों और कांग्रेस के शक्ति एप से जुड़े पार्टी के कार्यकर्ताओं को मोबाइल पर कॉल आना शुरू हुआ। कॉल रिसीव करते ही सुनाई पड़ा, नमस्कार ! मैं राहुल गांधी बोल रहा हूं। आपने कांग्रेस पार्टी को जिताने के लिए जो संघर्ष और सहयोग दिया, उसके लिए धन्यवाद। अब मुख्यमंत्री चयन की बड़ी जिम्मेदारी है, जिसमें आपके सहयोग की अपेक्षा है। आप बीप के बाद अपनी पसंद के नेता का नाम बताएं। यह रिकॉर्डेड कॉल था।
पार्टी सूत्रों की मानें तो जिस नेता का नाम ज्यादा लोगों ने लिया, उस पर ही गंभीरता से चिचार होगा। बताते हैं कि हजारों की संख्या में लोगों को कॉल किए गए।प्रत्याशी चयन में भी अपनाया था यही फॉमरूला : हाईकमान ने यही फॉमरूला प्रत्याशी चयन में भी अपनाया था। कार्यकर्ताओं और जनता की राय ली, उसी तरह से अब मुख्यमंत्री के नाम पर राय ली जा रही है।
‘हमारा सीएम कैसा होगा’, के लगाए गए नारे
पार्टी मुख्यालय राजीव भवन में भूपेश और सिंहदेव के समर्थकों में खासा उत्साह देखने को मिला। हालांकि, दोनों नेता अगल-बगल खड़े होकर कार्यकर्ताओं से बधाइयां ले रहे थे, इसी बीच एक तरफ से नारा लगा, हमारा सीएम कैसा हो, भूपेश बघेल जैसा हो, तो दूसरी तरफ से नारा लगा टीएस बाबा जैसा हो। दोनों नेताओं ने मुस्करा कर कार्यकर्ताओं को चुप रहने का इशारा भी एक साथ किया।
इस पर भी हो रहा मंथन
पार्टी ने जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें पूरा करने और जनता ने जिस तरह से कांग्रेस पर भरोसा जताकर एकतरफा जीत दिलाई है, उस पर खरा उतरना नई सरकार के मुखिया के लिए चुनौती रहेगी। सरकार बनाने के लिए मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बीच तालमेल रहे, सरकार और संगठन के बीच किसी तरह से टकराव की स्थिति न बने, यह भी चुनौती है। हाईकमान इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखकर मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला लेगा।