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जहां साइबर सुरक्षा सवालों के घेरे में, वहां ऑनलाइन मतदान की कैसे होगी रक्षा!

एक्सपर्ट्स कह रहे हैं जिस देश में राजनीतिक दल ऑफ लाइन चलने वाले इवीएम पर भरोसा नहीं करते वे ऑन लाइन मतदान के लिए कैसे तैयार होंगे।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 09:23 PM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 09:23 PM (IST)
जहां साइबर सुरक्षा सवालों के घेरे में, वहां ऑनलाइन मतदान की कैसे होगी रक्षा!
जहां साइबर सुरक्षा सवालों के घेरे में, वहां ऑनलाइन मतदान की कैसे होगी रक्षा!

नईदुनिया, संजीत कुमार, रायपुर। छत्तीसगढ़ में इस वर्ष नवंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव में पहली बार ऑनलाइन मतदान होगा। इलेक्ट्रिकली ट्रांसमेटेड बेलेट पेपर सिस्टम (इटीबीपीएस) तकनीक के जरिये सर्विस वोटरों को यह सुविधा दी जाएगी। माना जा रहा है कि इस तकनीक से देश में ऑनलाइन मतदान की संभावना तलाशी जा रही है। चुनाव और साइबर विशेषज्ञों की राय में देश अभी किसी भी तरह से ऑनलाइन मतदान के लिए तैयार नहीं है। एक्सपर्ट्स कह रहे हैं जिस देश में राजनीतिक दल ऑफ लाइन चलने वाले इवीएम पर भरोसा नहीं करते वे ऑन लाइन मतदान के लिए कैसे तैयार होंगे।

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केवल सर्विस वोटरों को इटीबीपीएस की सुविधा

सर्विस वोटरों यानी चुनाव ड्यूटी में तैनात होने वाले सरकारी कर्मचारियों को इटीबीपीएस की सुविधा दी जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर ऐसे कर्मियों के पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। केवल पंजीकृत सर्विस वोटर ही इटीबीपीएस तकनीक के जरिए चुनाव में ऑन लाइन मतदान कर सकेंगे।

हिमाचल और कर्नाटक में हो चुका प्रयोग

हिमाचल प्रदेश में 2017, कर्नाटक में इस वर्ष हुए विधानसभा के चुनाव व राजस्थान में इस वर्ष लोकसभा की दो सीटों के लिए हुए उपचुनाव में इटीबीपीएस तकनीक का सफल प्रयोग किया जा चुका है। दोनों ही राज्यों में यह प्रयोग सफल रहा।

केवल सेना व अर्द्ध सैनिक बलों के लिए प्रयोग

इटीबीपीएस का अब तक दो-तीन बार अलग-अलग चुनावों में सर्विस वोटरों व चुनाव ड्यूटी में लगे अर्द्ध सैनिक बलों के लिए प्रयोग किया जा चुका है। सूत्रों के अनुसार अब इस तकनीक का उपयोग सीमा या दूरस्थ क्षेत्रों में तैनात सेना व अर्द्ध सैनिक बलों के लिए प्रयोग पर विचार किया जा रहा है।

कहीं कोई तैयारी नहीं

तंत्र : देश में फिलहाल इसके लिए कोई सुरक्षित तकनीक नहीं है। हमारा तंत्र भी इसके लिए आश्वस्त नहीं है।

संविधान : भारतीय संविधान में अभी मतदान घर बैठे या कहीं से भी मतदान की व्यवस्था नहीं है।

राजनीतिक : इवीएम पर भरोसा नहीं करने वाले राजनीतिक दल ऑन लाइन के लिए कैसे तैयार होंगे।

सामाजिक : समाज का एक बड़ा वर्ग अभीऑन लाइन या साइबर की तकनीक से कोसांे दूर है।

आर्थिक : देश में अभी हर एक मतदाता के पास न तो कम्प्यूटर है और न ही स्मार्ट फोन।

ऑन लाइन के खतरे

हैकिंग- सबसे बड़ा खतरा हैकिंग का है। एक्सपर्ट्स कहते बैंक खाते और यूआइडी (आधार) सुरक्षित नहीं है, हैकर इन्हें हैक कर ले रहे हैं तो ऑन लाइन मतदान को हैकिंग से कैसे रोका जा सकता है। इसके लिए तकनीक बनानी पड़ेगी।

निजता व गोपनीयता- ऑन लाइन मतदान में मतदाता की निजता व मतों की गोपनीयता नहीं रहेगी। अभी एक ही परिवार के लोग भी नहीं जानते कि किस सदस्या ने किसे वोट दिया, लेकिन ऑनलाइन में ऐसा नहीं हो सकेगा।

बूथ कैपचरिंग- ऑन लाइन मतदान में बूथ कैपचरिंग का खतरा बढ़ जाएगा। अभी मतदान कराने वाले बूथ के बाहर ही सक्रिय रहते हैं। ऑन लाइन में वे लोगों के घरों तक पहुंच जाएंगे और अपने सामने मतदान पर विवश कर देंगे।

अभी देश इसके लिए तैयार नहीं

छत्तीसगढ़ के पूर्व निर्वाचन आयुक्त डॉ. सुशील त्रिवेदी (आइएएस) कहते हैं कि ऑन लाइन मतदान की मांग उठती तो हैं, लेकिन अभी हमारा देश इसके लिए तैयार नहीं है। देश में करीब 78 करोड़ वोटर हैं। इतनी बड़ी संख्या में वोटरों के ऑन लाइन मतदान के लिए सिस्टम भी उतना बड़ा तैयार करना पड़ेगा। साइबर सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती होगी। इन सबके बीच मतदाताओं की जागस्र्कता और आनलाइन मतदान के लिए संसाधन (कम्पयूटर, स्मार्ट फोन व इंटरनेट) अभी सबकी पहुंच में नहीं है।

विदेश से डाकमत के जरिये मतदान

किसी कारणवश कुछ समय के लिए विदेश गए वोटरों को भारत निवार्चन आयोग ने डाकमत पत्र के जरिये मतदान का अधिकार प्रदान किया है। इसकी मांग लंबे अर्से से की जा रही थी। पहले उन्हें ऑन लाइन मतदान की सुविधा देने पर विचार किया गया, लेकिन तकनीक व अन्य कारणों से डाकमत पत्र के जरिए मतदान का अधिकार दिया है।

विदेशों में असफल रहा प्रयोग

साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू के अनुसार भारत में फिलहाल ऑन लाइन मतदान की संभावना नहीं दिख रही है। कुछ विकसित देशों ने इस तकनीक को अपनाया था, लेकिन अब वे भी इसे छोड़ रहे हैं, क्योंकि इसकी विश्वसनीयता नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत में इस दिशा में प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन फिलहाल मौजूदा परिस्थितियों में सुरक्षा के लिहाज से यह ठीक नहीं है।

'विधानसभा चुनाव में ऑन लाइन वोटिंग के लिए सर्विस वोटरों के पंजीयन की प्रक्रिया चल रही है। इसकी प्रक्रिया व तकनीक के विषय में आने वाले दिनों में विस्तार से जानकारी दी जाएगी।' 

- सुब्रत साहू, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, छत्तीसगढ़


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