गणतंत्र दिवस पर भारतमाता की पूजा को लेकर बंगाल सरकार सतर्क
भारतमाता की पूजा को रोकने की स्थिति में गैर राष्ट्रवादी व गैर हिंदूवादी सरकार होने का दाग लगेगा। इसलिए प्रशासन अभी से ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
कोलकाता, जेएनएन। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर एक बार फिर प्रदेश भाजपा इकाई की ओर से देश की अराध्य देवी भारत माता की राज्यभर में पूजा किए जाने की योजना को लेकर तृणमूल कांग्रेस के साथ टकराव के आसार बढ़ गए हैं। सूत्रों के मुताबिक, राज्य प्रशासन को इस बात को लेकर अंदेशा है कि भाजपा की ओर से आयोजित किए जाने वाले इस पूजन कार्यक्रम से तनाव की स्थिति पैदा हो सकती है।
हालांकि प्रशासन व वरीय अधिकारी इस कार्यक्रम से निपटने को लेकर बेहद उलझन की स्थिति में हैं, क्योंकि भारतमाता की पूजा को रोकने की स्थिति में गैर राष्ट्रवादी व गैर हिंदूवादी सरकार होने का दाग लगेगा। इसलिए इन कार्यक्रमों को लेकर प्रशासन अभी से ही फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है।
सूत्रों के अनुसार, पूजन कार्यक्रम को लेकर राज्य की खुफिया एजेंसियां तथा पुलिस व अन्य सुरक्षा एजेंसियां कड़ी निगरानी रख रही हैं। इधर, राज्य खुफिया विभाग ने जानकारी इकट्ठा करने के बाद राज्य सरकार को रिपोर्ट दी है कि भारतमाता की मूर्ति के पीछे लगाए जाने वाले नक्शे में पाकिस्तान, बांग्लादेश व अफगानिस्तान को भारत के हिस्से के तौर पर पेश किए जाने से बांग्लादेश की सीमा से लगे इलाकों में तनाव पैदा हो सकता है।
एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अगर भाजपा के नेता इस दिन भारत के अविभाजित होने के साथ ¨हदू राष्ट्र के रूप में पेश करने से संबंधित भड़काऊ भाषण देते हैं तो इससे राज्य में दंगा भड़क उठने की आशंका है। इसलिए राज्य प्रशासन इस कार्यक्रम पर बारीकी से नजर रख रहा है।
इधर, उत्तर 24 परगना जिले में तृणमूल के एक विधायक का कहना है कि भाजपा को इस तरह की पूजा करने से हम भले नहीं रोक सकते हैं, लेकिन हमारे पास पहले से जानकारी है कि भाजपा नेता इस दिन गलतबयानी से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश करेंगे। हालांकि उन्होंने कहा कि जनता भाजपा के जाल में फंसने वाली नहीं है। हमारी पार्टी के कार्यकर्ता भी इस दिन चौकस रहेंगे।