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मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, 20 जुलाई को पूरे दिन चलेगी बहस और फिर वोटिंग

वैसे सरकार के पक्ष में संख्या बल को देखते हुए नतीजा स्पष्ट है। लेकिन विपक्ष इसे एकजुटता बनाने के एक मंच के रूप में देख रहा है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 18 Jul 2018 10:56 AM (IST)Updated: Thu, 19 Jul 2018 07:44 AM (IST)
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, 20 जुलाई को पूरे दिन चलेगी बहस और फिर वोटिंग
मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव, 20 जुलाई को पूरे दिन चलेगी बहस और फिर वोटिंग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आगामी चुनाव में राजग और कथित विपक्षी महागठबंधन की लड़ाई का स्वरूप और नतीजा तो बाद में तय होगा। उससे पहले शुक्रवार को उसकी एक झलक दिख सकती है। मानसून सत्र के पहले ही दिन विपक्षी दलों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर सरकार को घेरने की कोशिश की और सरकार ने तत्काल चुनौती स्वीकार कर ली। लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने इसके लिए शुक्रवार का दिन तय कर दिया है।

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पूरे दिन बहस के बाद वोटिंग होगी। वैसे सरकार के पक्ष में संख्या बल को देखते हुए नतीजा स्पष्ट है। लेकिन विपक्ष इसे एकजुटता बनाने के एक मंच के रूप में देख रहा है। तो सरकार एक तीर से विपक्ष के कई तीर काटने का अवसर देख रही है। बुधवार को लोकसभा में कांग्रेस, वाम, टीडीपी समेत कई दलों के सदस्यों की ओर से अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया गया था।

यह माना जा रहा था कि यह फिर से हंगामे का आधार बनेगा क्योंकि सदन की कार्यवाही शुरू होते ही टीडीपी के सदस्य लगातार वेल में थे। लेकिन सरकार की ओर से उस पर ठंडा पानी डाल दिया गया। बिना किसी शोर शराबे या सत्तापक्ष की ओर से किसी बयान के महाजन ने समर्थन में खड़े नेताओं की गिनती कर इसे स्वीकार कर लिया। वहां घोषणा की कि दो तीन दिनों मे बहस की तिथि तय करेंगी लेकिन अगले दो घंटे में ही इसकी औपचारिक घोषणा कर दी कि बहस एक दिन बाद यानी शुक्रवार को होगी।

इसमें संदेह नहीं कि इस बार सरकार की ओर से जितनी मुस्तैदी दिखाई जा रही है उससे विपक्ष थोड़ा परेशान हो सकता है। तत्काल इसकी झलक भी दिखी जब 34 सदस्यों वाली तृणमूल कांग्रेस की ओर से राज्य में किसी कार्यक्रम का हवाला देते हुए तिथि बढ़ाने का आग्रह किया गया। सरकार की ओर से याद दिलाया गया कि अब तक तो विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव की बात कर रहा था अब सरकार इसे जल्द खत्म करना चाहती है तो विपक्ष क्यों टालना चाहता है। लोकसभा अध्यक्ष की ओर से स्पष्ट कर दिया गया कि अब तिथि में कोई बदलाव नहीं होगा। वैसे रणनीति बुधवार से ही दिखने लगी।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस अविश्वास प्रस्ताव का सेहरा अपने सिर बांधना चाहती थी लेकिन लोकसभा अध्यक्ष ने सबसे पहले नोटिस देने वाले टीडीपी के सदस्य केसीनेनी श्रीनिवास को यह मौका दिया। यानी शुक्रवार को सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की शुरूआत की मौका भी टीडीपी को मिलेगा। वहीं मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात में चुनाव से पहले सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाने का मौका मिलेगा जिसे पूरा देश देखेगा।

हाल ही में मुस्लिम पार्टी विवाद के बीच इस बहस में कांग्रेस समेत कुछ दलों को कठघरे में खड़ा करने की भी कोशिश हो सकती है। यह भी संभव है कि इस बहस के जरिए ही सरकार विपक्ष की ओर से प्रस्तावित किसान, महंगाई, लिंचिंग जैसे मुद्दों को भी खत्म कर दे। दरअसल अविश्वास प्रस्ताव में जाहिर तौर पर विपक्ष की ओर से इन सभी मुद्दों को छुआ जाएगा। संख्या बल सरकार के साथ है और ऐसे में जीत के साथ ही जहां यह साबित करने की कोशिश होगी कि राजग एकजुट है वहीं विपक्ष पर हमला बढ़ेगा। अगर विपक्ष एकजुट नहीं दिखता है तो भविष्य के महागठबंधन से पूर्व ही असहज होना पड़ सकता है। एक तरह से अविश्वास प्रस्ताव पर बहस सदन से ज्यादा देश को संबोधित होगा।

मुलायम और देवगौड़ा बैठे रहे
टीडीपी के अविश्वास प्रस्ताव पर समर्थन के लिए जब लोकसभा अध्यक्ष ने सदस्यों को खड़े होने को कहा तो सोनिया गांधी समेत कांग्रेस, वाम, तृणमूल कांग्रेस, टीडीपी और सपा के भी कुछ सदस्य खड़े हुए। लेकिन सोनिया के बगल मे मुलायम सिंह यादव और जदएस के एचडी देवेगौड़ा बैठे रहे।

सरकार के पास पूरा संख्याबल
सरकार के पास पूरा संख्याबल है। न सिर्फ हमारे साथी एकजुट नहीं हैं बल्कि राजग के बाहर के कई दल भी मोदी सरकार को समर्थन करेंगे। विपक्ष झूठ फैला रहा है, हमे उन्हें परास्त करेंगे। हम चाहते हैं कि एक बार दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए।- अनंत कुमार, केंद्रीय संसदीय कार्यमंत्री 

राष्‍ट्रपति द्वारा मनोनीत सदस्‍यों ने ली शपथ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा राज्‍यसभा के लिए मनोनीत सदस्‍यों किसान नेता राम शकल, लेखक और स्तंभकार राकेश सिन्हा, मूर्तिकार रघुनाथ महापात्रा और क्लासिकल डांसर सोनल मानसिंह ने पद और गोपनीयता की शपथ ली।

पीएम मोदी का मेज थपथपा कर स्वागत
मानसून सत्र की शुरूआत से कुछ मिनट पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए तो उनका मेज थपथपा कर स्वागत किया गया। विपक्ष के भी कई सदस्य खड़े दिखे। मोदी पहली पंक्ति में खड़े सदस्यों के पास गए और हाथ मिलाया। भाजपा नेता मुरली मनोहर जोशी और मुलायम सिंह के साथ कुछ ज्यादा गर्मजोशी दिखी। मुलायम ने मोदी के कान लमें कुछ कहा। मोदी ने वहीं खड़े कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से भी हालचाल लिए।


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