अब राम और सीता पर भाजपा-कांग्रेस के बीच जुबानी जंग शुरू
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संस्कृति मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि सीतामढ़ी में सीता के पौराणिक अस्तित्व के कोई प्रमाणिक साक्ष्य नहीं हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपने सियासी जंग में कांग्रेस और भाजपा अब महाभारत और रामायण का उपयोग करने से नहीं हिचक रहे। खुद पर राम के अस्तित्व को नकारने के भाजपा के आरोपों पर कांग्रेस ने सत्ताधारी पार्टी पर सीता के अस्तित्व को नकारने का आरोप लगाया है। संसद में सीता के पौराणिक अस्तित्व को लेकर कोई प्रमाण नहीं होने के सरकार के जवाब का सहारा लेते हुए पार्टी ने भाजपा पर यह वार किया।
भाजपा नेता व केंद्रीय रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण के कांग्रेस और राहुल गांधी का भगवान राम में विश्वास नहीं होने के बयानों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने यह वार किया। भाजपा की तुलना कौरवों से करने संबंधी राहुल गांधी के बयान पर पलटवार में निर्मला ने रविवार को कहा था कि राम के अस्तित्व को नकारने वाली पार्टी का अपनी तुलना पांडव से करना हास्यास्पद है। भाजपा के इस पलटवार का जवाब देने के लिए ही कांग्रेस ने पिछले साल 12 अप्रैल को राज्यसभा में बिहार के सीतामढ़ी जिले में माता सीता की जन्मस्थली से जुड़े सवाल पर सरकार के जवाब का सहारा लिया।
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि संस्कृति मंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि सीतामढ़ी में सीता के पौराणिक अस्तित्व के कोई प्रमाणिक साक्ष्य नहीं हैं। साथ ही पुरातत्व विभाग ने यहां किसी तरह की खुदाई नहीं करने और सीता की जन्मस्थली होने का कोई प्रमाण नहीं होने की बात कही है।
सुरजेवाला ने कहा कि एनडीए सरकार के संस्कृति मंत्री का संसद के पटल पर सीता माता के अस्तित्व को नकार दिया। उन्होंने कहा कि सीता के बिना राम की चर्चा ही नहीं पूरी होती और सरकार का यह जवाब जाहिर करता है कि भाजपा सीता के अस्तित्व को ही नकारती है।