हेलीकॉप्टर घोटाले का आरोपी क्रिश्चियन मिशेल दिल्ली लाया गया, डोभाल की प्रमुख भूमिका
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सरकार किसी भी समय घोटाले के मुख्य आरोपी क्रिश्चियन मिशेल को भारत भेज सकता है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल सौदे को लेकर मोदी सरकार को घेर रही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इतालवी कंपनी फिनमैकेनिका की ब्रिटिश सहयोगी कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीद में हुए घोटाले के मुख्य आरोपित व वांछित ब्रिटिश नागरिक क्रिश्चियन मिशेल (57) को मंगलवार रात दुबई से दिल्ली लाया गया। इस पूरे ऑपरेशन को राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल की निगरानी और सीबीआइ के कार्यवाहक निदेशक एम. नागेश्वर राव के समन्वय में अंजाम दिया गया।
मिशेल को बुधवार को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश कर सीबीआइ पूछताछ के लिए रिमांड पर लेगी। संप्रग शासनकाल में लगभग 3,600 करोड़ रुपये के इस सौदे में क्रिश्चियन मिशेल प्रमुख बिचौलिये की भूमिका में था। रिश्वत की अधिकांश रकम उसके मार्फत ही तत्कालीन अधिकारियों और नेताओं के बीच बांटी गई थी। मिशेल के भारत आने से लोकसभा चुनाव के पहले यह मुद्दा गरमा सकता है। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की सर्वोच्च अदालत ने 19 नवंबर को क्रिश्चियन मिशेल की अपील खारिज कर दी थी और उसे भारत प्रत्यर्पित करने के निचली अदालत के फैसले को सही ठहराया था।
इसके बाद यूएई के जस्टिस विभाग ने पिछले दो हफ्ते में उसके प्रत्यर्पण के लिए जरूरी प्रक्रिया पूरी कर ली। विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक संबंध) टीएस त्रिमूर्ति ने बताया कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने यूएई में काउंसलर से प्रत्यर्पण मामले पर बात की थी। सुषमा इस समय भारत-यूएई संयुक्त आयोग की बैठक के 12वें सत्र में हिस्सा लेने के लिए दुबई में ही हैं। सीबीआइ ने बताया कि कार्यवाहक निदेशक एम. नागेश्वर राव के समन्वय से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। इसके अलावा सीबीआइ के संयुक्त निदेशक साई मनोहर के नेतृत्व में टीम ने दुबई में रहकर मिशन को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई।
अगस्ता वेस्टलैंड ने मिशेल को दिए थे 225 करोड़
ईडी ने जून 2016 में मिशेल के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उसमें आरोप लगाया गया है कि उसने हेलीकॉप्टर निर्माता कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड से तीन करोड़ यूरो (225 करोड़ रुपये) प्राप्त किए थे। यह राशि भारत के साथ हेलीकॉप्टर खरीद सौदा कराने के एवज में रिश्वत के तौर पर बांटने के लिए दी गई थी, क्योंकि इस सौदे के लिए भारत में कई कांट्रैक्ट लिए जाने थे।
तीन बिचौलियों में से एकमिशेल इस घोटाले के तीन बिचौलियों में से एक है। दो अन्य के नाम गुइडो हश्के और कार्लो गेरोसा हैं। इन तीनों की जांच ईडी व सीबीआइ कर रहे हैं। इनके खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुके हैं।
भारत रद कर चुका है सौदा
अगस्ता वेस्टलैंड से भारत हेलीकॉप्टर खरीद का सौदा एक जनवरी, 2014 को रद कर चुका है। इससे भारतीय वायुसेना के लिए 14 वीवीआइपी हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे। इस सौदे में कंपनी द्वारा कुल 423 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का मामला सामने आने के बाद सौदा रद किया गया।
दलाली के हैं पर्याप्त सुबूत
जांच से जुड़े सीबीआइ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगस्ता वेस्टलैंड की ओर से दलाली की रकम क्रिश्चियन मिशेल की कंपनियों में दिए जाने के ठोस सुबूत हैं। अधिकांश देशों से इस संबंध में सुबूत जुटाए जा चुके हैं। इन सुबूतों को देखने के बाद ही यूएई की अदालत ने प्रत्यर्पण का फैसला दिया है।
आरोपों से करता रहा इन्कार
अगस्ता वेस्टलैंड सौदे में कांग्रेस नेतृत्व पर आरोप लगते रहे हैं। हालांकि, क्रिश्चियन मिशेल हर फोरम पर हेलीकॉप्टर सौदे में कांग्रेस नेतृत्व के शामिल होने की बात खारिज करता रहा है। उसने यहां तक कहा था कि उसे एक डील साइन करने के लिए कहा गया था जिसमें कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बातें थीं। हालांकि उसने इस डील को ठुकरा दिया था।
बड़ी कूटनीतिक सफलता
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ब्रिटिश नागरिक होने के बावजूद क्रिश्चियन मिशेल का प्रत्यर्पण भारत की एक बड़ी कूटनीतिक सफलता है। इसके पहले अबू सलेम के अलावा भारत को किसी भी आरोपित को वापस लाने में सफलता नहीं मिली है।