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रूपाणी बने रहेंगे गुजरात के मुख्यमंत्री

गुजरात में विजय रूपाणी का नाम पहले से घोषित है। चुनावों से पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया था कि वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल अगली सरकार के भी मुखिया होंगे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Tue, 19 Dec 2017 10:56 PM (IST)Updated: Tue, 19 Dec 2017 11:00 PM (IST)
रूपाणी बने रहेंगे गुजरात के मुख्यमंत्री
रूपाणी बने रहेंगे गुजरात के मुख्यमंत्री

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। गुजरात में मुख्यमंत्री को बदलने की अटकलों को खारिज किया जा रहा है। लिहाजा विजय रूपाणी ही वहां मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उनके 25 दिसंबर को पूर्व प्रधानमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर शपथ लेने की उम्मीद है। उधर, हिमाचल प्रदेश में नए मुख्यमंत्री की तलाश के लिए भाजपा में शीर्ष स्तर पर मंथन शुरू हो गया है। अनुभव और जनाधार को ध्यान में रखते हुए विभिन्न नामों पर विचार हो रहा है। इसमें वरिष्ठ नेता जयराम ठाकुर का नाम सबसे ऊपर है। लेकिन केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को भी फिलहाल नकारा नहीं जा सकता।

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गुजरात में विजय रूपाणी का नाम पहले से घोषित है। चुनावों से पहले ही भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने स्पष्ट कर दिया था कि वर्तमान मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल अगली सरकार के भी मुखिया होंगे। लेकिन, नतीजे आने के बाद यह अटकलें जरूर चल निकली हैं कि जातीय समीकरण साधने के लिए भाजपा अपने पुराने फैसले में बदलाव कर सकती है। इसलिए नए दावेदारों के तौर पर केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, पुरुषोत्तम रूपाला और मनसुख मांडविया के नाम भी चल पड़े हैं।

हिमाचल में सीतारमण और तोमर की रिपोर्ट पर होगा फैसला

हिमाचल प्रदेश के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड ने मंगलवार को निर्मला सीतारमण और नरेंद्र तोमर को विधायकों से विचार-विमर्श करने की जिम्मेदारी सौंपी गई। इनकी रिपोर्ट आने के बाद शीर्ष नेतृत्व मुख्यमंत्री का नाम तय करेगा। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में ये दोनों केंद्रीय नेता शिमला जाकर विधायकों से विमर्श करेंगे। वैसे अनौपचारिक चर्चा शुरू हो चुकी है।

आसान नहीं होगा सीएम का चयन

वैसे हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री के लिए किसी का चयन केंद्रीय नेतृत्व के लिए आसान नहीं होगा। हिमाचल प्रदेश भाजपा के विभिन्न धड़े अपने-अपने व्यक्ति को मुख्यमंत्री के रूप में पेश करने की कोशिश में जुटे हैं। इसी कारण चुनाव के पहले मुख्यमंत्री प्रत्याशी के एलान में देरी भी हुई थी। वैसे जेपी नड्डा का नाम काफी समय से चल रहा था और माना जा रहा था कि चुनाव के चार-पांच महीने पहले ही नड्डा को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर भाजपा हिमाचल प्रदेश के चुनाव मैदान में उतरेगी। लेकिन नड्डा के नाम की घोषणा नहीं हो पाई और अंतिम समय में मतदान के तीन-चार दिन पहले अमित शाह ने प्रेम कुमार धूमल को मुख्यमंत्री के रूप में पेश कर दिया। जातीय समीकरण के कारण उस समय धूमल के नाम की घोषणा को सही माना गया था। धूमल की हार के बाद उसी जातीय समीकरण के आधार पर जयराम ठाकुर की चर्चा चल पड़ी है। विधायकों से ही मुख्यमंत्री बनाए गए तो ठाकुर ही सबसे आगे हैं।

पांचवीं बार विधायक बने हैं जयराम

जयराम ठाकुर लगातार पांचवां चुनाव जीतकर आए हैं। जिला मंडी के निर्विवाद नेता हैं। इस बार मंडी जिला ने भाजपा को नौ सीटें जीतकर दी हैं। जयराम पूर्व भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। विद्यार्थी परिषद से लेकर भाजयुमो और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रहे हैं। जयराम के नेतृत्व में राज्य में पहली बार भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला था।


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