संसद में हंगामे से आहत उपराष्ट्रपति ने की अपील- सासंदों के लिए बने आचार संहिता
भाजपा सासंद मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि संसद का पहले जैसा माहौल अब नहीं रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वैंकेया नायडू ने संसद में होने वाले हंगामे पर दुख जताते हुए राजनीतिक दलों से अपील की है, कि वह अपने सासंदों के लिए एक आचार संहिता तैयार करें। उन्होंने कहा कि संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है। सदन चर्चा और जनता से जुडे़ मुद्दों को ठीक तरीके से रखने के लिए होता है, हंगामा करने के लिए नहीं।
लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड- 2018
उपराष्ट्रपति गुरूवार को लोकमत पार्लियामेंट अवार्ड-2018 को लेकर अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। उन्होंने इस दौरान मीडिया को विश्वसनीयता बनाए रखने की नसीहत दी। साथ ही फेंक न्यूज से बचने को कहा। नायडू ने यह चिंता उस समय व्यक्त की, जब संसद के दोनों ही सदन पिछले दो दिनों से हंगामे की भेंट चढ़ रहे है। इसके चलते काम-काज भी पूरी तरह से ठप पड़ा है।
संसद की गरिमा को बनाए रखने के लिए उठाए कदम
कार्यक्रम में बोलते हुए भाजपा सासंद मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि संसद का पहले जैसा माहौल अब नहीं रहा है। अब बातचीत और व्यवहार में भी बदलाव आ गया है। जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के बर्ताव में भी इसे देखा जा सकता है। वहीं एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि संसद की गरिमा का ख्याल रखना सभी की जिम्मेदारी है।
कार्यक्रम में संसदीय कामकाज को लेकर भाजपा सासंद डा. मुरली मनोहर जोशी और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया, जबकि गुलाम नबी आजाद और निशिकांत दूबे को सर्वश्रेष्ठ सांसद के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद के रुप में रमादेवी और कनिमोझी को, साथ ही पहली बार सदन में आई सर्वश्रेष्ठ महिला सांसद में हेमामालिनी और छाया वर्मा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन लोकमत समूह के चेयरमैन विजय दरडा ने किया।