Move to Jagran APP

कोरोना से पीड़ि‍त मृतक की अंत्येष्टि का विरोध समाज की चेतना पर धब्बा : वेंकैया नायडू

उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वह मेघालय में कोरोना संक्रमण से मरे डॉक्टर की अंत्येष्टि की विरोध की खबरों से बहुत आहत हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 06:36 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 06:36 PM (IST)
कोरोना से पीड़ि‍त मृतक की अंत्येष्टि का विरोध समाज की चेतना पर धब्बा : वेंकैया नायडू
कोरोना से पीड़ि‍त मृतक की अंत्येष्टि का विरोध समाज की चेतना पर धब्बा : वेंकैया नायडू

 नई दिल्ली, प्रेट्र। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को कहा कि वह मेघालय में कोरोना संक्रमण से मरे डॉक्टर की अंत्येष्टि की विरोध की खबरों से बहुत आहत हैं। इस तरह का बर्ताव समाज की चेतना पर धब्बा है। डॉक्टर की अंत्येष्टि का लोगों ने इसलिए विरोध किया क्योंकि उन्हें इससे संक्रमण फैलने का डर था। अखबार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उप राष्ट्रपति ने कहा कि विरोध की वजह से डॉक्टर की अंत्येष्टि में 36 घंटे की देरी हुई। 

loksabha election banner

मेघालय में लोगों ने संक्रमण फैलने के डर से अंतिम संस्कार का किया था विरोध

नायडू ने अपने फेसबुक पोस्ट पर कहा, 'इस तरह की घटनाएं समाज की चेतना पर धब्बा है और हम सभी के लिए, चाहें हम किसी भी दल, धर्म और क्षेत्र के हों, यह गंभीर चिंता की बात है।' नायडू ने कहा कि इस दुर्भाग्यपूर्ण व्यवहार के चलते मुख्यमंत्री कोनराड संगमा को दखल देना पड़ा और मामला सुलझा। डॉक्टर का पार्थिव शरीर उसी अस्पताल में कई घंटों तक पड़ा रहा, जिसकी उसने स्थापना की थी। उसके शरीर को दफनाना है या जलाना है इसको लेकर विरोध होता रहा। 

उप राष्ट्रपति ने कहा, इस तरह की घटनाएं हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय

उन्होंने कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए कोविड-19 को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। उन्होंने अपनी चिंताओं से गृह सचिव और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के महानिदेशक को भी अवगत कराया है। 

धर्म प्रमुखों ने भी अंतिम संस्‍कार में भेदभाव से बचने की अपील की  

ऐसा देखने में आया है कि कोरोना से पीड़ित की मौत होने पर उसके अंतिम संस्‍कार में मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। संक्रमण फैलने का खतरा मानकर लोग इसका विरोध करते हैं। इस बारे में विभिन्न धर्मों के प्रमुखों ने भी अपील की है कि कोरोना पीडि़त लोगों से किसी तरह का भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए। बीमारी को किसी धर्म या संप्रदाय के नजरिए से नहीं देखा जाए। किसी भी धर्म के व्यक्ति के निधन के बाद निकलने वाली अंतिम यात्रा में व्यवधान पैदा करना ठीक नहीं। पूरे एहतियात के साथ शव का अंतिम संस्कार किया जाए। 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.