ACEM 2019: वेंकैया नायडू ने कहा, आपात चिकित्सा को अंडर ग्रेजुएट कोर्स में जोड़ने की जरूरत
ACEM 2019 उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि आपात चिकित्सा और ट्रॉमा केयर को अंतर स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जरूरत है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि आपात चिकित्सा और ट्रॉमा केयर को अंतर स्नातक (अंडर ग्रेजुएट) पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की जरूरत है। गुरुवार को इमरजेंसी मेडिसिन पर आयोजित एशियाई देशों के 10वें सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि चिकित्सा के क्षेत्र में आपात चिकित्सा और आपातकालीन देखभाल की अहम भूमिका है। आपात चिकित्सा में शुरुआती प्रबंधन और मरीजों का इलाज असल में एक विशेषज्ञता है। इसके लिए सघन प्रशिक्षण और संसाधन की जरूरत होती है। अक्सर सही समय पर इलाज जीवन और मौत का फर्क पैदा करता है।
इमरजेंसी मेडिसिन की पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत
नायडू ने कहा कि मेडिकल छात्रों को इमरजेंसी मेडिसिन की पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमें देश में समय पर और उच्च गुणवत्ता की आपात चिकित्सा मुहैया करानी होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसकी सुविधा देनी होगी, क्योंकि देश के विकास में गांवों की अहम भूमिका है। ग्रामीण आबादी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना राष्ट्रीय विकास का महत्वपूर्ण अंग है। यह भी समान रूप से महत्वपूर्ण है कि सभी गांव इमरजेंसी सेवाओं के नेटवर्क से जुड़े हुए हों। व्यवस्थित इमरजेंसी मेडिकल सेवाएं आपातकालीन स्थित में जीवन बचाने में बहुत उपयोगी होती हैं।
भारत जैसे देश में जहां आधी आबादी गांवों में रहती है, हर गांव में एक आपात चिकित्सा केंद्र होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हादसों के चलते मौत की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। इसे देखते हुए हमें आपात चिकित्सा में ज्यादा प्रशिक्षित लोगों की जरूरत है, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके।
उन्होंने कहा कि हमें आपातकालीन प्राथमिक चिकित्सा प्रक्रियाओं जैसे कि कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (CPR) में नागरिकों को प्रशिक्षित करने के लिए कार्यक्रमों और नियमावली को विकसित करने की आवश्यकता है क्योंकि यह आपातकालीन सेवाओं की प्रतीक्षा करते हुए एक जीवन को बचाने में मदद करेगा।