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संसद सत्र के दौरान कोरोना से बचाव की वेंकैया ने की समीक्षा, कहा- सांसदों को हर जगह दी जाए सुरक्षा

नायडू ने अधिकारियों से सांसदों के संसद की कार्यवाही में भाग लेने आवागमन और दिल्ली में रहने के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल किए।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 09:19 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 09:19 PM (IST)
संसद सत्र के दौरान कोरोना से बचाव की वेंकैया ने की समीक्षा, कहा- सांसदों को हर जगह दी जाए सुरक्षा
संसद सत्र के दौरान कोरोना से बचाव की वेंकैया ने की समीक्षा, कहा- सांसदों को हर जगह दी जाए सुरक्षा

नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद के मानसून सत्र के मद्देनजर राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने सोमवार को कोरोना वायरस के बचाव के उपायों पर आइसीएमआर के महानिदेशक, गृह और स्वास्थ्य मंत्रालयों के सचिवों तथा रक्षा अनुसंधान से जुड़े शीर्ष अधिकारियों से वार्ता की। संसद का मानसून सत्र 14 सितंबर से शुरू होकर एक अक्टूबर तक चल सकता है। सभापति वेंकैया नायडू ने सचिवालय को निर्देश दिया है कि सत्र के दौरान कम से कम लोगों की संसद भवन में आमद होने दी जाए।

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नायडू ने अधिकारियों से सांसदों के संसद की कार्यवाही में भाग लेने, आवागमन और दिल्ली में रहने के दौरान स्वास्थ्य सुविधाओं पर सवाल किए। पूछा कि सांसदों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए प्रशासन की क्या रूपरेखा है। संसद सत्र में भाग लेने के बाद गृह राज्य जाने पर सांसदों को किस तरह से क्वारंटाइन किया जाएगा और उनकी स्वास्थ्य सुरक्षा के क्या इंतजाम होंगे, नायडू ने अधिकारियों से जानकारी मांगी। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के अधिकारियों से वार्ता कर इस बारे में ठोस रूपरेखा तैयार की जाएगी। अधिकारियों से विस्तृत वार्ता में नायडू ने कहा, कोई भी सांसद कोरोना टेस्ट से छूटने न पाए। इतना ही नहीं सांसद के स्टाफ के सदस्यों और परिजनों की भी नियमित जांच की जाए। संक्रमण की आशंका को कम से कम किया जाए।

इतना नहीं नहीं, राज्यसभा सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों, सुरक्षाकर्मियों और मीडिया कर्मियों के भी कोरोना टेस्ट कराए जाएं। कोरोना टेस्ट के ये मानदंड केंद्र सरकार के मंत्रियों और उनके निजी स्टाफ पर भी लागू होंगे। टेस्टिंग की सारी व्यवस्था आइसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) को करनी होगी। गृह सचिव ने सलाह दी कि सांसदों का हर 72 घंटे बाद परीक्षण किया जाए और जब तक उनकी रिपोर्ट निगेटिव न हो, तब तक वह यात्रा न करें। सांसदों के टेस्टिंग की व्यवस्था राज्यों और दिल्ली, दोनों जगह कराई जाएगी। अगर कोई सांसद संक्रमित पाया जाएगा तो उसे क्वारंटाइन किया जाएगा और संसद आने की अनुमति नहीं होगी।

12 घंटे मास्क लगाने में नुकसान नहीं

बैठक में शामिल आइसीएमआर के महानिदेशक बलराम भार्गव ने कहा, लगातार 12 घंटे तक फेस मास्क पहनने से कोई नुकसान नहीं है। उन्होंने संसद की कार्यवाही के दौरान सांसदों और अधिकारियों के बैठने और आवागमन में शारीरिक दूरी बनाए रखने के नियम का पालन करने की भी सलाह दी। स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सलाह दी कि सत्र के दौरान फेस टू फेस वार्ता से बचा जाए। इसके लिए सांसदों को सलाह वाले शॉर्ट वीडियो भी देने पर विचार किया जा रहा है।


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