वरुण गांधी ने कहा- वंशवाद से राजनीति में आम आदमी के लिए बंद हो रहे दरवाजे
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने यह भी स्वीकार किया कि अगर वह राजनीतिक परिवार में नहीं पले बढ़े होते तो शायद राजनीति में नहीं होते।
बेंगलुरु, प्रेट्र। राजनीति सहित विभिन्न महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपनाया जा रहा वंशवादी रुख बड़ी चिंता का कारण है। इससे आम आदमी के लिए अवसरों का द्वार बंद हो गया है। भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कर्नाटक चेंबर ऑफ कामर्स की ओर से 'भारत के भविष्य की राहें : अवसर और चुनौतियां' विषय पर आयोजित कार्यक्रम को सोमवार को संबोधित करते हुए यह चिंता जताई।
-राजनीति से लेकर हर क्षेत्र में अपनाए जा रहे रुख को भाजपा सांसद ने चिंता का कारण बताया
उन्होंने कहा, 'हम राजनीति में ज्यादा लोगों के लिए दरवाजे भला कैसे खोल सकते हैं? हर कोई जानता है कि राजनीति में वंशवाद चल रहा है। हर राज्य, जिले और देश में कुछ परिवार ऐसे हैं, जो महत्वपूर्ण हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन सच है।' उन्होंने इस बात पर भी खेद व्यक्त किया कि कोई भी महत्वपूर्ण क्षेत्र वंशवाद से वंचित नहीं है।
वरुण ने कहा कि अगर हम फिल्म इंडस्ट्री, खेल जगत, राजनीति और उद्योग की तरफ देखें तो लगभग सभी के दरवाजे आम आदमी के लिए बंद हो गए हैं। उन्होंने कहा, 'आप एक छोटे से शहर में पले बढ़े प्रतिभाशाली युवक हैं। आपके पास काफी ज्ञान, साहस और क्षमता है, लेकिन आप क्या करोगे? कई बार यह बेकार चला जाता है। यह मेरे लिए दुखद है।'
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने यह भी स्वीकार किया कि अगर वह राजनीतिक परिवार में नहीं पले बढ़े होते तो शायद राजनीति में नहीं होते।
भारत में इनोवेशन की रफ्तार धीमी होने पर वरुण ने कहा कि इस क्षेत्र में कोष की कमी है। उन्होंने कहा कि अनुसंधान और विकास पर चीन अपनी जीडीपी का तीन फीसद खर्च करता है जबकि भारत केवल 0.6 फीसद खर्च करता है। इनोवेशन की विफलता के दूसरे कारण को सामने रखते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि भारत में 93 फीसद स्टार्ट-अप इसलिए फेल हो गए क्योंकि निवेशकों ने इस उद्यम को विकसित होने में पर्याप्त समय नहीं दिया।