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पुत्र से नाराज वाघेला अज्ञातवास में, उनके 78वें जन्मदिन पर सूना रहा वसंत वगडो

पूर्व विधायक महेंद्रसिंह वाघेला ने स्पष्ट किया कि मेरे भाजपा में शामिल होने से पिता वाघेला नाराज नहीं हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 06:07 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 06:20 PM (IST)
पुत्र से नाराज वाघेला अज्ञातवास में, उनके 78वें जन्मदिन पर सूना रहा वसंत वगडो
पुत्र से नाराज वाघेला अज्ञातवास में, उनके 78वें जन्मदिन पर सूना रहा वसंत वगडो

अहमदाबाद [ शत्रुघ्न शर्मा ]। गुजरात के दिग्गज नेता शंकरसिंह वाघेला का शनिवार को 78वां जन्मदिन है लेकिन वे गुजरात में नहीं हैं। उनके पुत्र व पूर्व विधायक महेंद्रसिंह वाघेला ने पौधारोपण कर वाघेला का जन्मदिन मनाया साथ ही स्पष्ट किया कि मेरे भाजपा में शामिल होने से पिता वाघेला नाराज नहीं हैं। महेंद्रसिंह एक सप्ताह पहले भाजपा में शामिल हो गए थे जिससे शंकरसिंह को ऐतराज था। बापू ने इफ्तार में कांग्रेस नेताओं को बुलाया था पर सब कन्नी काट गए।

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गांधीनगर वसंत वगडा शंकरसिंह वाघेला का निजी आवास जहां हर 21 जुलाई को उनका जन्मदिन धूमधाम से मनाया जाता है। प्यार से लोग उन्हें बापू कहकर पुकारते हैं, लेकिन इस 78वें जन्मदिन पर खुद बापू अपने समर्थकों व परिजनों को छोडकर गुजरात से बाहर चले गए। बापू अपने पुत्र महेंद्रसिंह वाघेला के भाजपा में शामिल होने से नाराज हैं उन्होंने महेंद्र को चेताया भी था कि 7 दिन यानि 21 जुलाई तक समर्थकों का एक सम्मेलन बुलाकर भाजपा में शामिल होने पर उनकी राय ले तथा उसके बाद ही खुद के भाजपा में रहने अथवा नहीं रहने का फैसला करें। शनिवार को इसकी डेडलाइन पूरी हो रही है तथा महेंद्र ने अभी तक कोई सम्मेलन भी नहीं बुलाया जिससे पुत्र महेंद्र के साथ राजनैतिक रिश्ते समाप्त माने जाएंगे।

महेंद्र का दावा है कि भाजपा में शामिल होने के बाद भी उनकी बापू से बात होती थी, बापू उनसे नाराज नहीं हैं तथा समर्थकों के साथ वे लगातार संपर्क में रहते हैं। अब सबकी नजर बापू के वापस गुजरात लौटने पर है कि वे इस मुद्दे पर क्या फैसला करते हैं, चूंकि बीते ढाई दशक में अपने राजनीतिक फैसलों से बापू सबको चौंकाते रहे हैं फिर भाजपा से बगावत कर खजुराहो कांड को अंजाम देना हो या कांग्रेस से बगावत कर राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस दिग्गज अहमद पटेल को हराने की रणनीति में भाजपा का साथ देना हो। महेंद्र का कहना है कि बापू विदेश में हैं जबकि बापू के साथी बताते हैं कि वे गुजरात से बाहर हैं देश से बाहर नहीं।

गौरतलब है कि राज्यसभा चुनाव में अपने बेटे के समधी बलवंतसिंह राजपूत को जिताने के लिए भले बापू ने कांग्रेस को अधर में छोड दिया, लेकिन बाद में उन्होंने फिर से कांग्रेस से संबंध बनाने का प्रयास किया। कांग्रेस के आला नेता का दावा है जिसकी पुष्टी वाघेला के करीबी भी करते हैं कि रमजान में बापू ने इफ्तार पार्टी रखी थी जिसमें कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन सभी कांग्रेस नेताओं ने बापू से दूरी बनाए रखने में ही भलाई समझी।

उल्लेखनीय है कि उसके बाद ही महेंद्र ने भाजपा में शामिल होने का फैसला किया, महेंद्र ने गत विधानसभा चुनाव बायड से कांग्रेस के टिकट पर जीता था।


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