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हिंद प्रशांत क्षेत्र के मसले पर एकजुटता के लिए अन्य देशों के लिए भी खोला जा सकता है क्वाड : अमेरिका

अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बीगन ने कहा कि भारत ऑस्ट्रेलिया जापान और अमेरिका के समूह क्‍वाड को स्वतंत्र और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए अन्य देशों की खातिर खोला जा सकता है। वहीं एस जयशंकर ने बीगन से वार्ता की है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 13 Oct 2020 06:01 AM (IST)Updated: Tue, 13 Oct 2020 06:01 AM (IST)
हिंद प्रशांत क्षेत्र के मसले पर एकजुटता के लिए अन्य देशों के लिए भी खोला जा सकता है क्वाड : अमेरिका
चीन के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका क्वाड देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देता रहा है।

नई दिल्ली, रॉयटर/एएनआइ। अमेरिका के उप विदेश मंत्री स्टीफन बीगन (Stephen Biegun) ने सोमवार को कहा कि भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका का समूह स्वतंत्र और खुले हिंद प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए अन्य देशों की खातिर खोला जा सकता है। उल्लेखनीय है कि इन चारों देशों के समूह को क्वाड नाम से जाना जाता है। चीन के बढ़ते क्षेत्रीय प्रभाव को रोकने के लिए अमेरिका क्वाड देशों के बीच सहयोग बढ़ाने पर जोर देता रहा है।

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इस बीच, विदेश मंत्री एस जयशंकर (S Jaishankar) ने बीगन (Stephen Biegun) से द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए दोनों देशों का नजरिया समान है। बीगन इसी माह दोनों देशों के बीच होने वाली टू प्लस टू वार्ता (Indo-US 2+2 talks) की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए तीन दिवसीय यात्रा पर भारत आए हैं। जयशंकर ने ट्वीट किया, अमेरिकी उप विदेश मंत्री से मिलकर खुशी हुई। 

विश्व राजनीति और क्षेत्रीय मुद्दों पर हमने विचारों का आदान-प्रदान किया। द्विपक्षीय सहयोग में लगातार प्रगति की हमने सराहना की। हमें विश्वास है कि हमारा रणनीतिक सहयोग समय के साथ और प्रगाढ़ होगा। बता दें कि भारत और अमेरिका के बीच तीसरी टू प्लस टू वार्ता 26-27 अक्टूबर को दिल्ली में होने की संभावना है। इस बातचीत में दोनों पक्ष रणनीतिक सहयोग (United States India Partnership) की विस्तृत समीक्षा करेंगे।

अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क एस्पर को इस वार्ता में भाग लेने के लिए दिल्ली आना है। वार्ता में भारतीय पक्ष का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बातचीत की रूपरेखा को मंजूरी दिए जाने के बाद पहली टू प्लस टू वार्ता सितंबर 2018 में दिल्ली में हुई थी जबकि दूसरी वार्ता दिसंबर 2019 में वाशिंगटन में हुई थी।


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