GSP का मुद्दा: कांग्रेस का पीएम मोदी पर तंज, हर 'हग' काम नहीं करता...!
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह भारत को दिए जाने वाले प्रिफरेंशियल ट्रेड स्टेट्स (तरजीही व्यापार दर्जे) को खत्म करने का इरादा रखते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। क्या अमेरिका ने भारत के खिलाफ 'ट्रेड वार' शुरू कर दी है? कांग्रेस कुछ यही दावा कर रही है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि वह भारत को दिए जाने वाले प्रिफरेंशियल ट्रेड स्टेट्स (तरजीही व्यापार दर्जे) को खत्म करने का इरादा रखते हैं। कांग्रेस ने अब इसे लेकर मोदी सरकार की कूटनीति पर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने ट्वीट किया, 'हर हग (गले लगना) काम नहीं करता नरेंद मोदी जी। डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के साथ ट्रेड वार शुरू कर दी है। पहले ओआइसी में असफलता और अब ये। वास्तव में महान कूटनीति...!'
राष्ट्रपति ट्रंप ने अमेरिकी संसद 'कांग्रेस' को पत्र लिखकर इस बारे में जानकारी भी दी है। अगर ट्रंप इस योजना को लागू करने में सफल होते हैं तो करीब 5.6 अरब डॉलर का भारतीय निर्यात अमेरिकी बाजार में टैक्स फ्री नहीं रह जाएगा। भारत के निर्यात को इस कदम से बड़ा झटका लगेगा। भारत, जनरलाइज्ड सिस्टम ऑफ प्रेफरेंस (GSP) की व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभार्थी रहा है, जिसके तहत उसके उत्पादों को अमेरिका बाजार में टैक्स फ्री इंपोर्ट की सुविधा मिलती है।
भारत का नया ई-कॉमर्स नियम, मेडिकल डिवाइसेज की कीमतों को तय किया जाना और आईसीटी प्रॉडक्ट्स पर शुक्ल लगाया जाना, ऐसे मुद्दे रहे हैं, जिसने दोनों देशों के व्यापार संबंधों को प्रभावित किया है और ट्रंप बार-बार इन मुद्दों का भी जिक्र करते रहे हैं। ट्रंप का कहना है कि कि नई दिल्ली अमेरिका को उसके बाजारों में "न्यायसंगत और उचित" पहुंच का आश्वासन देने में विफल रही है। इस घोषणा को द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के लिए एक बड़े झटके के रूप में देखा जा सकता है।
अमेरिका-चीन के बीच जारी है ट्रेड वार
अमेरिका और चीन के बीच ट्रेड वार लंबे समय से जारी है। पिछले महीने ट्रंप और चीन के नेता शी चिनफिंग के बीच जारी ट्रेड वार में 90 दिन तक ‘शांति’ बनाए रखने की सहमति बनी। एक अमेरिकी अधिकारी ने कहा है कि अमेरिका और चीन के अधिकारी इस बारे में लगातार काम कर रहे हैं, लेकिन अभी काफी काम किया जाना बाकी है। उन्होंने जोर दिया कि कोई भी करार लागू किए जाने वाला होना चाहिए। ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर 25 फीसद आयात शुल्क लगाने की योजना भी फिलहाल स्थगित कर दी। गौरतलब है कि ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी के लिए किसान महत्वपूर्ण और प्रमुख कारक हैं। चीन के साथ अमेरिका के ट्रेड वार से अमेरिकी किसानों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। पिछले वर्ष चीन ने अमेरिका से आयातित सोयाबीन, अनाज उत्पाद, सूअर के मांस और अन्य सामानों पर शुल्क लगा दिया था। अमेरिका के कृषि मंत्री सोनी परड्यू ने इसी सप्ताह कहा कि ट्रेड रिप्रेजेंटेटिव्स ने चीन से अमेरिकी इथेनॉल पर शुल्क घटाने को कहा था। लेकिन यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो पाया कि चीन ऐसा करने को तैयार था या नहीं।