कश्मीर पर भारत के पक्ष में खुल कर आए अमेरिकी सांसद, मोदी सरकार के फैसले को सराहा
अमेरिकी कांग्रेस के नेता जॉर्ज होल्डिंग ने कहा कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाने से कश्मीर से वह चीजें खत्म होंगी जो अलगाववाद की भावना को बढ़ावा देती थीं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। यूरोपीय संघ के दो दर्जन से ज्यादा सांसदों ने जिस तरह से कश्मीर से धारा 370 हटाने के भारत के फैसले का समर्थन किया है उसका असर दूसरी देशों के सांसदों पर भी पड़ता दिख रहा है। अब अमेरिका के प्रतिनिधि सभा में कांग्रेस सदस्य जार्ज होल्डिंग ने अनुच्छेद 370 हटाने के मोदी सरकार के फैसले की जमकर ना सिर्फ तारीफ की है बल्कि यह भी कहा है कि सरकार व भारतीय संसद का यह फैसला इस क्षेत्र के भविष्य के लिए अच्छा है। होल्डिंग रिपब्लिकन पार्टी के सांसद है। माना जा रहा है कि भारत के मित्र समझे जाने वाले कुछ और अमेरिकी सांसद जल्द ही वहां के संसद में कश्मीर पर अपनी स्पष्ट राय रख सकते हैं।
अनुच्छेद 370 जम्मू व कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा दे रहा था
होल्डिंग ने गुरुवार को कहा है कि अनुच्छेद 370 जम्मू व कश्मीर के आर्थिक विकास में ना सिर्फ बाधा बन रहा था बल्कि वहां अलगाववाद को भी बढ़ावा दे रहा था। साथ ही अनुच्छेद 370 भारतीय संविधान के मुताबिक अस्थाई तौर पर लगाया गया था। यह राजनीतिक तौर पर पैठ रखने वाले लोगों के लिए तो सही तौर पर काम कर रहा था लेकिन यह आम जनता के आर्थिक संभावनाओं को खत्म कर रहा था। साथ ही यह ऐसा माहौल बना रहा था जिसका राजनीतिक तौर पर फायदा भी उठाया जा रहा था।
पीएम मोदी ने की साहसिक फैसला करके हालात को बदलने की कोशिश
पिछले कुछ दशकों में हजारों लोगों को मौत आतंकवादी घटनाओं में हुई है। पाकिस्तान में रहने वाले कई आतंकी संगठनों ने सीमा पार आतंक के जरिए आम जनता के जीवन व अर्थव्यवस्था को तहस नहस कर रखा है। ऐसे में मोदी सरकार को यह फैसला करना था कि वह पुरानी नीति को ही जारी रखे या क्षेत्र के कानूनी दर्जे को बदलने से एक नई शुरुआत करें। जम्मू व कश्मीर की जनता को बेहतर जीवन का हक है और पीएम नरेंद्र मोदी ने एक साहसिक फैसला करके हालात को बदलने की कोशिश की है।
मोदी सरकार व संसद के फैसले की तारीफ की जानी चाहिए
अमेरिकी सांसद ने कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित संगठनों की तरफ से हालात को खराब करने की कोशिश की तरफ भी सभी का ध्यान आकर्षित करवाया है। उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने पोस्टर लगा कर लोगों को चेताया है कि वह सार्वजनिक स्थलों पर न जाए और बाहर ना निकलें। अंत में उन्होंने कहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी की सरकार व संसद के फैसले की तारीफ की जानी चाहिए।
यूरोपीय संघ के 23 सांसदों का कश्मीर दौरा
सनद रहे कि विदेश मंत्रालय ने यूरोपीय संघ के 23 सांसदों के कश्मीर दौरे को भारत की कश्मीर नीति को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सही तरीके से रखने के तौर पर बताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को मंत्रालय के साप्ताहिक प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि किस संगठन ने इन सांसदों को भारत के दौरे पर बुलाया है और किस तरह से बुलाया है, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण बात यह है कि क्या यह दौरा भारत के वृहत राष्ट्रीय हित के लिए है या नहीं।
सरकार ने नहीं किया था ईयू सांसदों को आमंत्रित
भारतीय विदेश मंत्रालय ने इन सांसदों को आमंत्रित नहीं किया था, लेकिन जब इस बात का अंदेशा हुआ कि उनका भारत दौरा राष्ट्रीय हितों के मुताबिक है तो उन्हें लोगों से मिलने जुलने में मदद उपलब्ध कराई गई। विदेश मंत्रालय ने यह भी बताया है कि अगर जरुरी होगा तो देश के हितों को सही परिप्रेक्ष्य में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखने के लिए इस तरह के दूसरे दौरों का भी आयोजन किया जाएगा।