मध्य प्रदेश में यूरिया पर टकराव, कमलनाथ के आरोप का शिवराज ने दिया करारा जवाब
Urea Crises In MP: शिवराज सिंह चौहारा ने मप्र में यूरिया की कमी का खंडन करते हुए कमलनाथ को आरोपों को निराधार बताया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। मध्य प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर कमलनाथ के दावे पर अब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का बयान सामने आया है। शिवराज ने कमलनाथ को जवाब देते हुए कहा है कि प्रदेश में अब कांग्रेस सत्ता में है, उन्हें निराधार आरोप लगाने से बचना चाहिए और कुशलतापूर्वक चलाना चाहिए। दरअसल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री व कांग्रेस नेता कमलनाथ ने प्रदेश में यूरिया की कमी को लेकर केंद्र सरकार को फोन करके जल्द से जल्द यूरिया मुहैया कराने की बात कही थी।
चार लाख मीट्रिक टन मुहैया कराई यूरिया : शिवराज
इस पर शिवराज ने कहा कि प्रदेश को 15 दिसंबर से पहले ही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया मुहैया कराई जा चुकी है, लिहाजा इसे किसानों के बीच सही तरीके से बांटना चाहिए।
यूरिया की कमी का सरकार ने किया खंडन
गौरतलब है कि मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात सामने आई थी कि मध्य प्रदेश यूरिया की कमी से जूझ रहा है, जिस कारण मुख्यमंत्री कमलनाथ ने केंद्रीय मंत्री गोयल और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा को फोन किया था। हालांकि देश में यूरिया खाद की कमी होने की खबर का केंद्र सरकार ने खंडन किया। शुक्रवार को नई दिल्ली में रसायन और उर्वरक मंत्री सदानंद गौड़ा ने कहा कि उनका मंत्रालय राज्य के मुख्य सचिवों से प्रतिदिन संपर्क में है और कहीं भी खाद की कोई कमी नहीं है। गौड़ा ने आगे कहा कि यह संकट राज्यों की वितरण प्रणाली से जुड़ा हुआ है और यह केवल केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश है।
मध्य प्रदेश में यूरिया पर टकराव
जानकारी के मुताबिक प्रदेश में कुल तीन लाख 70 हजार मीट्रिक टन यूरिया की जरूरत होती है, लेकिन बताया जा रहा है कि इस महीने यहां केवल एक लाख 90 हजार मीट्रिक टन ही खाद प्राप्त हुई है। प्रदेश में हर रोज तकरीबन आठ रैक यूरिया की जरूरत होती है। इस बीच कहा जा रहा है कि मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन की वजह से खाद की सप्लाई में फर्क देखा जा रहा है। उधर, केंद्र ने भी स्पष्ट कर दिया है कि देश में यूरिया की कोई कमी नहीं है, यह समस्या राज्य स्तर पर सप्लाई की हो सकती है। वहीं, शिवराज ने कमलनाथ के दावे के उलट बोलते हुए कह दिया कि राज्य में पहले से ही चार लाख मीट्रिक टन यूरिया है। ऐसे में एक बार फिर भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो गई है।