राज्यसभा में दूसरे दिन भी हंगामा, शाह के बयान से कांग्रेस नाराज
सभापति ने इस दौरान विपक्षी सदस्यों को बार-बार चेतावनी भी दी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ और हंगामा जारी रखा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। एनआरसी के मुद्दे पर राज्यसभा में बुधवार को भी हंगामा जारी रहा। विपक्ष ने इस दौरान न तो सरकार की ओर से बोलने के लिए खड़े हुए गृहमंत्री राजनाथ सिंह को बोलने दिया और न ही चर्चा में बोलने के लिए खड़े हुए अमित शाह को। इसे लेकर संसद की कार्रवाई को एक बार स्थगित भी करना पड़ा। लेकिन विपक्ष का हंगामा नहीं थमा, तो सभापति ने राज्यसभा की कार्रवाई पूरे दिन भर के लिए स्थगित कर दी। सभापति ने इस दौरान हंगामे को लेकर हैरानी भी जताई और कहा कि जिन लोगों ने चर्चा कराने की मांग की थी, वहीं चर्चा नहीं होने दे रहे है। सभापति ने इस दौरान विपक्षी सदस्यों को बार-बार चेतावनी भी दी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ और हंगामा जारी रखा।
राज्यसभा में बुधवार को हंगामे की शुरूआत उस समय हुई, जब एनआरसी को लेकर मंगलवार की अधूरी चर्चा को पूरा करने के लिए अमित शाह बोलने के लिए खड़े हुए। इसको लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरु कर दिया। कांग्रेस की ओर से आनंद शर्मा ने पूर्व प्रधानमंत्री को लेकर की गई उनकी टिप्पणी को गलत बताया और मांग की इसको रिकॉर्ड से हटाया जाए। साथ ही वह इसके लिए माफी भी मांगे। हालांकि सभापति ने कहा कि वह इसको देखेंगे, यदि कुछ भी आपत्तिजनक होगा, तो हटा दिया जाएगा। इसके बाद भी विपक्ष सदस्य संतुष्ट नहीं हुए और हंगामे पर अड़े रहे।
काफी कोशिशों के बाद जब हंगामा नहीं थमा, तो राज्यसभा की कार्रवाई दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। साथ ही इस पर दो बजे फिर चर्चा शुरु करने को लेकर सहमति बनी। हालांकि जैसे ही दो बजे सदन की कार्रवाई शुरु हुई, विपक्ष हंगामा करने लगा। इस दौरान भी अमित शाह काफी देर तक बोलने के लिए खड़े रहे। काफी देर बाद भी जब हंगामा नहीं थमा तो सभापति ने गृह मंत्री को बोलने के लिए कहा। वह भी सरकार की ओर से जवाब देने के लिए खडे़ हुए। लेकिन विपक्ष वेल में आकर नारेबाजी करने लगा। सदन में हंगामा करने वालों में तृणमूल कांग्रेस के सदस्य सबसे आगे थे। इस दौरान उन्होंने इस मामले में प्रधानमंत्री के बयान की भी मांग की। वहीं काफी देर तक जब हंगामा नहीं थमा, तो गृह मंत्री ने यह कहते हुए अपनी बात खत्म कर दी, कि वह अपना बयान सदन के पटल पर रख रहे है। इसके बाद वह बैठ गए। सभापति ने इस दौरान विपक्षी सदस्यों के बयान को आपत्तिजनक बताया।