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जासूसी कांड पर थम नहीं रहा संसद में संग्राम, लगातार पांचवें दिन जबर्दस्त हंगामा, सरकार ने विपक्षी नेताओं से शुरू की चर्चा

पेगासस फोन जासूसी विवाद को लेकर संसद में चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार पांचवें दिन जबर्दस्त हंगामा किया। जानें संसद में दिनभर कैसा रहा माहौल...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 08:33 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jul 2021 08:46 PM (IST)
जासूसी कांड पर थम नहीं रहा संसद में संग्राम, लगातार पांचवें दिन जबर्दस्त हंगामा, सरकार ने विपक्षी नेताओं से शुरू की चर्चा
पेगासस फोन जासूसी विवाद को लेकर संसद में चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है।

नई दिल्ली, जेएनएन। पेगासस फोन जासूसी विवाद को लेकर संसद में चल रहा घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार पांचवें दिन जबर्दस्त हंगामा किया। जासूसी कांड की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच के साथ ही विपक्ष इस पर तत्काल बहस की मांग पर अड़ा है। जबकि जासूसी के आरोपों से इन्कार कर रही सरकार विपक्ष के हंगामे के बावजूद इस मुद्दे पर दबाव में आने को तैयार नहीं है। हालांकि संसद का कामकाज बाधित होने के मद्देनजर सरकार ने सोमवार को विपक्षी दलों के नेताओं से संपर्क साधकर गतिरोध का हल निकालने की कोशिश शुरू की।

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विपक्ष ने दिखाई एकजुटता 

पेगासस जासूसी विवाद पर सरकार को घेरने में विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में सोमवार को एकजुटता और आक्रामकता दिखाई। इसके लिए विपक्षी सांसदों ने दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर इस मामले को उठाया और हंगामा कर बार-बार सदन को स्थगित कराया।

20 मिनट तक प्रश्नकाल चला

लोकसभा में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के साथ तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक आदि के नेताओं के कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को स्पीकर ओम बिरला ने खारिज कर दिया। साथ ही विपक्षी हंगामे के बीच करीब 20 मिनट तक प्रश्नकाल भी चलाया लेकिन हंगामा थमता नहीं देख सदन को दो बजे तक स्थगित कर दिया।

सरकार चर्चा कराने को तैयार

इस बीच, स्पीकर ने विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे और नारेबाजी को लेकर एतराज जताते हुए कहा कि सरकार चर्चा कराने को तैयार है तो फिर हंगामे का कोई औचित्य नहीं है। दो बजे के बाद भी सदन दो बार हंगामे की वजह से ठप हुआ और तीन बजे जब चौथी बार सदन शुरू हुआ तो भारी शोर-शराबे के बीच ही सरकार ने दो विधेयक पारित करा लिए और फिर सदन पूरे दिन के लिए स्थगित हो गया।

जारी रही आक्रामकता

राज्यसभा में भी जासूसी प्रकरण पर विपक्ष की आक्रामकता इसी तरह जारी रही। सभापति वेंकैया नायडू ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, तृणमूल कांग्रेस के सुखेंदु शेखर राय और द्रमुक के त्रिची शिवा समेत 12 सदस्यों के पेगासस जासूसी विवाद पर तत्काल चर्चा के लिए कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस को खारिज कर दिया।

बार बार स्‍थगित हुई कार्यवाही 

इसको लेकर विपक्षी सांसद वेल में जाकर हंगामा करने लगे और खड़गे व कुछ अन्य विपक्षी सदस्य सरकार पर राजनेताओं और प्रमुख लोगों के फोन की जासूसी करने का आरोप लगाने लगे। हंगामे और नारेबाजी के बीच सभापति ने सदन को पहले 12 बजे तक स्थगित किया। जब 12 बजे प्रश्नकाल शुरू हुआ तब भी विपक्षी सदस्यों का शोर-शराबा नहीं रुका और चार बार के स्थगन के बाद आखिरकार चार बजे राज्यसभा पूरे दिन के लिए स्थगित हो गई।

विपक्ष को साधने की कवायद तेज 

इसके बाद गतिरोध का रास्ता निकालने के लिए सरकार की ओर से बातचीत की पहल शुरू की गई। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने लोकसभा में कांग्रेस के रणनीतिकारों में शामिल मनीष तिवारी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले समेत कुछ अन्य विपक्षी दलों के नेताओं से इसका हल निकालने के विकल्पों पर बातचीत की। 'प्रेट्र' के मुताबिक, इससे पहले राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि सदन के कामकाज को लेकर उन्होंने नेता विपक्ष और प्रमुख विपक्षी पार्टियों के नेताओं से संपर्क किया था, लेकिन उनमें सहमति नहीं है। वहीं केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पहले ही इस मामले में बयान दे चुके हैं। 


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