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यूपी के शिक्षा मंत्री ने कहा, 25 फीसद शिक्षकों को नहीं पता किस गांव में है उनका स्कूल Gorakhpur News

यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि 25 फीसद शिक्षक अपनी जगह दूसरों को स्कूल भेज रहे हैं। इनको यह भी नहीं पता कि उनका स्कूल किस गांव में है।

By Pradeep SrivastavaEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:29 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 01:56 PM (IST)
यूपी के शिक्षा मंत्री ने कहा, 25 फीसद शिक्षकों को नहीं पता किस गांव में है उनका स्कूल Gorakhpur News
यूपी के शिक्षा मंत्री ने कहा, 25 फीसद शिक्षकों को नहीं पता किस गांव में है उनका स्कूल Gorakhpur News

गोरखपुर, जेएनएन। यूपी के बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि 25 फीसद शिक्षक अपनी जगह दूसरों को स्कूल भेज रहे हैं। इनको यह भी नहीं पता कि उनका स्कूल किस गांव में है और वहां तक पहुंचने का रास्ता क्या है। बच्‍चों को अपने टीचर का नाम ही नहीं पता है। हम टीचरों को 50 हजार रुपये तनख्वाह दिल्ली में कमरा लेकर तैयारी करने के लिए नहीं दे रहे हैं।

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वापस नहीं होगा प्रेरणा एप

गोरखपुर में रेडियो सिटी के कार्यक्रम में एक पब्लिक स्कूल में पहुंचे बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि किसी भी हाल में प्रेरणा एप को वापस नहीं लिया जाएगा। शिक्षकों को स्कूल जाना ही होगा। शिक्षकों के स्कूल न जाने से लगे रोग को हम दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि प्रेरणा एप से शिक्षकों का ही फायदा होगा। जो शिक्षक स्कूल नहीं जाते थे उनसे तो अफसर वसूली करते ही थे जो कुछ देर बाद पहुंचते थे उनका भी शोषण होता था।

अधिकारी प्रतिदिन करें पांच से दस स्‍कूलों का निरीक्षण

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि मिड डे मील देने की फोटो भी प्रेरणा एप के माध्यम से अपलोड की जाएगी। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को हम प्रतिदिन छह सौ रुपये और 12 हजार रुपये मासिक का भत्ता देने जा रहे हैं। इनको रोजाना पांच से 10 स्कूलों का निरीक्षण कर इसकी पूरी सूचना प्रेरणा एप पर देनी होगी। इससे खंड शिक्षा अधिकारी के निरीक्षण की भी जानकारी मिल जाएगी।

तीन दिन में प्रसूता अवकाश

डॉ.सतीश चंद्र द्विवेदी ने कहा कि महिला शिक्षक शिकायत करती थीं कि प्रसूता अवकाश और बाल्य देखभाल अवकाश के नाम पर उनसे 10-10 हजार रुपये घूस लिए जाते हैं। इसका समाधान कर दिया गया है। प्रदेश का कोई भी बेसिक स्कूल अब शिक्षकविहीन नहीं है। हर स्कूल में शिक्षकों की तैनाती है। 


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