विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर: पुनर्विचार याचिका खारिज हुई, तो लाएंगे विधेयक या अध्यादेश
विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मचे राजनीतिक विवाद के बीच सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विश्वविद्यालय आरक्षण रोस्टर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से मचे राजनीतिक विवाद के बीच सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि फिर से सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की जाएगी। अगर वहां से खारिज होता है तो विधेयक या अध्यादेश लाकर पुरानी व्यवस्था लागू की जाएगी जिसके तहत आरक्षण की इकाई विश्वविद्यालय या कॉलेज को माना जाएगा।
कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की उस याचिका को खारिज किया है जिसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। राज्यसभा में इस मुद्दे को लेकर शुक्रवार को सपा और बसपा के हंगामा किया।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने आश्वासन दिया कि वह एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण में किसी भी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं है। फिर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने जा रहे है। इसकी तैयारी चल रही है।
विपक्षी सदस्यों की टोका-टाकी के बीच जावडेकर ने यह भी साफ किया कि जब तक इसे लेकर कोई फैसला नहीं हो जाता है, तब तक विश्वविद्यालयों में नई भर्तियों पर रोक रहेगी। सभी विवि को जल्द ही इसके लिए निर्देश दिए जाएंगे। ध्यान रहे कि विपक्ष की ओर से इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने की कोशिश हो रही है। ऐसे में सरकार भी सतर्क है।