केंद्रीय मंत्री ने कहा- जम्मू-कश्मीर से बाहर निकाले जाएंगे रोहिंग्या, बनाई जा रही सूचियां
जितेंद्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेहतर व्यवस्था स्थापित करने की मुहिम के तहत सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की बैंच स्थापित की जाएगी।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि नागरिक संशोधन कानून बनते ही जम्मू-कश्मीर में प्रभावी हो गया था। इसके बाद अब अगली कार्रवाई यहां अवैध रूप से बसे रोहिंग्याओं को बाहर निकालने की होगी। इसके साथ उन्होंने कहा कि स्थानीय लोगों के हितों के संरक्षण के लिए डोमिसाइल भी होगा और विधानसभा सीटों का परिसीमन भी। जम्मू-कश्मीर तेज विकास का मॉडल बनेगा और यहां पर प्रधानमंत्री व डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल एंड ट्रेनिंग (डीओपीटी) के दिशा-निर्देश पर काम होगा।
रोहिंग्याओं को किसने दी जम्मू कश्मीर की टिकट
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जम्मू में वित्तीय नियमों पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का उद्घाटन करने के बाद कहा कि रो¨हग्या बंगाल की खाड़ी से इतनी दूर जम्मू में क्यों बसे? इस मामले की जांच पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि क्या यह वोट बैंक की राजनीति के तहत हुआ या फिर जनसांख्यिकीय स्वरूप बदलने की साजिश के तहत हुआ। यह पता चलना जरूरी है कि रोहिंग्याओं को यहां आने के लिए ट्रेन की टिकट किसने दी। उन्हें कैसे निकाला जाएगा, केंद्र इस पर काम कर रहा है। उनकी सूचियां भी बन रही हैं और प्रमाण पत्र भी दिए जा रहे हैं कि वे नागरिक नहीं बन सकते हैं।
भ्रम न फैलाएं, जारी होंगी सभी अधिसूचनाएं
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद केंद्र के सारे कानून यहां पर प्रभावी हो गए हैं। अब यह भ्रम पैदा न करें कि यहां पर ओबीसी कानून, डोमिसाइल, न्यूनतम वेतन लागू नहीं होंगे। इस बाबत अध्यादेश प्रभावी बनाने के लिए केंद्र की अधिसूचनाएं जारी होंगी।
कैट की बैंच स्थापित होगी
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेहतर व्यवस्था स्थापित करने की मुहिम के तहत सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्यूनल (कैट) की बैंच स्थापित की जाएगी। इसमें केंद्रीय कर्मियों के मसले हल होंगे। इसकी चर्चा मुख्य सचिव से की गई है। इसके साथ सूचना आयोग व केंद्रीय विजिलेंस आयोग भी प्रभावी होगा।
हीरानगर में अरुण जेटली के नाम पर बनेगा स्टेडियम
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हमारे आग्रह पर उप राज्यपाल प्रशासन ने हीरानगर में अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम बनाने के लिए 28 करोड़ रुपये का डीपीआर भेजा है। वह, मेरे साथ हीरानगर आए थे, तो लोगों ने मांग की थी। पहले वाली सरकार होती तो दस बार सोचती कि अरुण जेटली के नाम पर स्टेडियम बनने से कौन नाराज होगा, कौन खुश होगा। बता दें कि हीरानगर अरुण जेटली का ससुराल है।