केंद्रीय मंत्री बोले- 'कंसलटेशन' शब्द की उचित व्याख्या के लिए होगा संशोधन
संविधान जब बना तो कई जगहों पर 'कंसलटेशन' का जिक्र हुआ। इससे अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो रही है।
नई दिल्ली [ प्रेट्र ] । सरकार ने कहा है कि संविधान में कई जगहों पर दर्ज 'कंसलटेशन' शब्द की उचित व्याख्या के लिए जरूरी संशोधन किए जाएंगे, लेकिन इसके लिए पहले सभी पक्षों से रायशुमारी की जाएगी। केंद्रीय कानून राज्य मंत्री पीपी चौधरी ने राज्यसभा में यह बात तब कही जब तृणमूल कांग्रेस के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने अपने बिल पर चर्चा की मांग की।
उन्होंने 2 फरवरी को प्राइवेट मेंबर बिल पेश किया था। इसमें सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति से लेकर उनके तबादले में पारदर्शिता की मांग है। सरकार ने रॉय से कहा कि वह बिल को वापस ले लें। वह सभी पक्षों से रायशुमारी के बाद इस पर कानून बनाएगी। सांसद ने इसे वापस कर लिया।
अपने बिल में उन्होंने 'कंसलटेशन' शब्द की उचित व्याख्या की मांग की है। उनका कहना है कि संविधान जब बना तो कई जगहों पर 'कंसलटेशन' का जिक्र हुआ। इससे अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो रही है। न्यायिक क्षेत्र में होता सब कुछ सरकार की सलाह से ही है, लेकिन इसे और ज्यादा पारदर्शी होना चाहिए।