Move to Jagran APP

केंद्रीय मंत्री नकवी बोले- रमजान, नमाज अदा करने और आशीर्वाद लेने का समय

नकवी ने कहा कि यह कोरोना वायरस से दुनिया भर में लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने का भी समय है।

By Nitin AroraEdited By: Published: Sat, 25 Apr 2020 12:43 PM (IST)Updated: Sat, 25 Apr 2020 12:43 PM (IST)
केंद्रीय मंत्री नकवी बोले- रमजान, नमाज अदा करने और आशीर्वाद लेने का समय
केंद्रीय मंत्री नकवी बोले- रमजान, नमाज अदा करने और आशीर्वाद लेने का समय

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि रमजान, नमाज अदा करने और आशीर्वाद लेने का समय है। हालांकि, उन्होंने कहा कि यह कोरोना वायरस से दुनिया भर में लोगों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करने का भी समय है। उन्होंने धार्मिक और सामाजिक नेताओं और केंद्र ने लोगों से अपील की है कि वे घर पर ही शारीरिक दूरी का ध्यान रखते हुए नमाज अदा करें।  बता दें कि अब से पहले भी नकवी घर पर ही इबादत करने की अपील कर चुके हैं।

loksabha election banner

नकवी ने कहा था कि भारत के मुसलमान समृद्ध हैं और उनके लिए भारत स्‍वर्ग है। यहां उनके सामाजिक, आर्थिक और धार्मिक अधिकार सुरक्षित हें। वे देश का वातावरण खराब नहीं कर सकते और जो ऐसा करते हैं वे उनके मित्र या हितैषी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा था कि सभी धार्मिक गुरुओं, संगठनों व सामाजिक संगठनों ने साथ मिलकर फैसला कर मुस्‍लिम समुदाय से अपील किया कि वे नमाज और इफ्तार के अलावा इससे जुड़ी अन्‍य गतिविधियों को करते हुए शारीरिक दूरी के नियमों का ध्‍यान रखें और घर पर ही रहें।

पीएम मोदी की मुबारकबाद

पीएम नरेंद्र मोदी ने मुसलमानों को बधाई देते हुए कहा कि रमजान मुबारक! मैं सभी की सुरक्षा, कल्याण और समृद्धि के लिए प्रार्थना करता हूं। यह पवित्र महीना अपने साथ दया, सद्भाव और करुणा लेकर आए। हम COVID19 के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक निर्णायक जीत हासिल करें और एक स्वस्थ दुनिया बनाएं।

बता दें कि मुसलमान रमजान के महीने यानी चांद की तारीख के अनुसार 29 या 30 दिन के रोजे रखते हैं। रमजान हिजरी कैलेंडर के इस नौवें महीने में मुस्लिम समाज के लोग रोजा रखते हैं। रोजा एक ऐसा व्रत होता है, जो सूर्योदय से पहले शुरू होता है और सूर्यास्त तक चलता है। जो लोग रोजा रखते हैं, वो सहरी और इफ्तार के बीच कुछ भी नहीं खा-पी सकते। सहरी सुबह का खाना होता है, जो व्रत शुरू होने से पहले खाया जाता है। वहीं, इफ्तार दिनभर उपवास पूरा होने पर शाम के वक्त किया जाता है। इफ्तार का मतलब व्रत तोड़ना होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.