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जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी बैठक, नए सिरे से परिसीमन पर विचार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विदेश मंत्री एस जयशंकर रेल मंत्री पीयूष गोयल वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक की।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 04 Jun 2019 04:05 PM (IST)Updated: Tue, 04 Jun 2019 04:10 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी बैठक, नए सिरे से परिसीमन पर विचार
जम्मू-कश्मीर पर गृहमंत्री अमित शाह की बड़ी बैठक, नए सिरे से परिसीमन पर विचार

नई दिल्ली, एएनआई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस जयशंकर, रेल मंत्री पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के साथ बैठक की। बताया जा रहा है कि यह बैठक जम्मू-कश्मीर के ताजा हालात पर चर्चा हुई।

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जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह लगातार बैठक कर रहे हैं। मंगलवार को भी अमित शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, एडिशनल सचिव (कश्मीर) ज्ञानेश कुमार समेत कई अफसरों के साथ मीटिंग की। 

बैठक के दौरान जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन और इसके लिए आयोग गठन पर विचार किया गया।रिपोर्ट के बाद कुछ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की जा सकती हैं। इस मामले में अमित शाह, राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात कर चुके हैं।

आखिरी बार 1995 में किया गया था परिसीमन
आपको बता दें जम्मू-कश्मीर में आखिरी बार 1995 में परिसीमन किया गया था, जब गवर्नर जगमोहन के आदेश पर जम्मू-कश्मीर में 87 सीटों का गठन किया गया। जम्मू-कश्मीर विधानसभा में कुल 111 सीटें हैं, लेकिन 24 सीटों को रिक्त रखा गया है। जम्मू-कश्मीर के संविधान के सेक्शन 47 के मुताबिक इन 24 सीटों को पाक अधिकृत कश्मीर के लिए खाली छोड़ गया है और बाकी बची 87 सीटों पर ही चुनाव होता है। बता दें कि जम्मू-कश्मीर का अलग से भी संविधान है।

हर 10 साल बाद निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन का प्रावधान
राज्य के संविधान के मुताबिक हर 10 साल के बाद निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया जाना चाहिए। इस तरह से जम्मू-कश्मीर में सीटों का परिसीमन 2005 में किया जाना था, लेकिन फारुक अब्दुल्ला सरकार ने 2002 में इस पर 2026 तक के लिए रोक लगा दी थी। अब्दुल्ला सरकार ने जम्मू-कश्मीर जनप्रतिनिधित्व कानून, 1957 और जम्मू-कश्मीर के संविधान में बदलाव करते हुए यह फैसला लिया था।

देश की आंतरिक सुरक्षा की ताजा हालात का लिया जायजा 
गौरतलब है कि गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को देश की आंतरिक सुरक्षा की ताजा हालात का जायजा लिया। साथ ही उन्होंने जम्मू-कश्मीर से जुड़े अधिकारियों और सुरक्षा एजेंसियों के साथ विशेष बैठक की। जम्मू-कश्मीर और नक्सल इलाकों में तैनात अ‌र्द्धसैनिक बल के प्रमुखों से अलग से मिले।

शनिवार को गृहमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद गृहमंत्रालय में अमित शाह का दूसरा दिन था। गृहमंत्रालय में अमित शाह की शुरूआत देश की आंतरिक सुरक्षा के हालात पर विशेष ब्रीफिंग के साथ हुई। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृहसचिव राजीव गौबा, खुफिया ब्यूरो प्रमुख राजीव जैन और रॉ के सचिव अनिल धस्माना ने अमित शाह को आंतरिक सुरक्षा के ताजा हालात की जानकारी दी।

अजीत डोभाल और राजीव जैन ने विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर और नक्सल इलाकों में सुरक्षा के हालात के बारे में बताया तो अनिल धस्माना ने पड़ोसी देशों के हालात के बारे में जानकारी दी। वैसे तो गृहमंत्री को सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों के प्रमुखों की ओर हर दिन ब्रीफिंग की लंबी परंपरा है। लेकिन अमित शाह को को गृहमंत्री के रूप में पहली बार यह ब्रीफिंग दी गई।

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर गृहमंत्रालय सतर्क
सुरक्षा ब्रीफिंग के बाद अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर की स्थिति को लेकर अधिकारियों के साथ लंबी चर्चा की। सूत्रों के अनुसार उन्होंने अगले महीने शुरू होने जा रहे अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा तैयारियों का जायजा लिया और उसे चुस्त-दुरुस्त करने के लिए जरूरी निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने कश्मीर में सीमा पर हालात की भी जानकारी ली।

बाद में उन्होंने नक्सली इलाकों और जम्मू-कश्मीर में तैनात अ‌र्द्धसैनिक बलों के प्रमुखों के साथ अलग से बैठक कर जरूरी निर्देश दिये। सुबह 10 बजे गृहमंत्रालय पहुंचे अमित शाह शाम तक लगातार गृहमंत्रालय में काम करते रहे और दोपहर का भोजन भी उन्होंने वहीं किया। 

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