टीएमसी का दामन थामने वाले बाबुल सुप्रियो की सुरक्षा घटाई गई, केंद्र ने जेड से वाई श्रेणी में किया तब्दील
केंद्र सरकार ने बाबुल सुप्रियो को दिए गए केंद्रीय अर्धसैनिक कमांडो के सशस्त्र सुरक्षा कवर को कम कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बाबुल सुप्रियो के सुरक्षा कवर को जेड श्रेणी के दूसरे उच्चतम स्तर से घटाकर वाई श्रेणी में तब्दील कर दिया गया है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भाजपा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) शनिवार को तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress, TMC) में शामिल हो गए। अब केंद्र सरकार ने बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) को दिए गए केंद्रीय अर्धसैनिक कमांडो के सशस्त्र सुरक्षा कवर को कम कर दिया है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश के बाद बाबुल सुप्रियो के सुरक्षा कवर को जेड श्रेणी के दूसरे उच्चतम स्तर से घटाकर वाई श्रेणी में तब्दील कर दिया गया है।
केंद्रीय योजना के तहत वीवीआईपी और उच्च जोखिम वाले शख्सीयतों को केंद्र सरकार की ओर से Z+ से लेकर Z, Y+, Y और X श्रेणियों तक सुरक्षा कवर मुहैया कराया जाता है। अचानक सुप्रियो की सुरक्षा श्रेणी को कम किए जाने पर सूत्रों ने बताया कि इस बारे में केंद्रीय सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की ओर से एक सिफारिश की गई थी। इसी सिफारिश को ध्यान में रखते हुए सुप्रियो के सुरक्षा कवर को कम किया गया है। सूत्रों ने बताया कि अब छह-सात कमांडो की जगह सुप्रियो के सा दो सशस्त्र कर्मी तैनात रहेंगे।
सूत्रों ने संकेत दिया कि आने वाले वक्त में भी बाबुल सुप्रियो की सुरक्षा की समीक्षा की जा सकती है। यही नहीं उनकी सुरक्षा का काम पूरी तरह से पश्चिम बंगाल पुलिस को सौंपा जा सकता है। इस बीच बाबुल सुप्रियो ने संवाददाताओं से कहा कि मैं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में शामिल होने से बहुत उत्साहित हूं। मैं पश्चिम बंगाल के विकास के लिए काम करता रहूंगा।
उल्लेखनीय है कि पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मौजूदा सांसद बाबुल सुप्रियो ने शनिवार को राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी और राज्यसभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन की मौजूदगी में तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया। पिछले महीने सुप्रियो ने घोषणा की थी कि वह राजनीति छोड़ रहे हैं। सुप्रियो ने कहा था कि वह अब सक्रिय राजनीति का हिस्सा नहीं रहेंगे। हालांकि बाद में वरिष्ठ नेताओं के काफी समझाने के बाद उन्होंने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा नहीं देने की बात कही थी।