केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने सिख दंगों पर साधा कांग्रेस पर निशाना
कांग्रेस सरकार ने चुनावों को भांपते हुए आतंकवाद को पंजाब में पनपने दिया और उस पर लगाम लगाने का काम नही किया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 1984 के सिख दंगों में आरोपित एक व्यक्ति को फांसी की सजा के बाद केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने जहां पूरा श्रेय राजग सरकार को दिया और एसआइटी की तेज जांच का हवाला दिया। वहीं कांग्रेस की नीति रीति को कठघरे में खड़ा किया।
जेटली ने एक ब्लाग में लिखा कि 1984 की याद वर्तमान राजनीतिक इतिहास में सबसे दर्दनाक है। उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने चुनावों को भांपते हुए आतंकवाद को पंजाब में पनपने दिया और उस पर लगाम लगाने का काम नही किया। जिसके चलते आतंकवादी स्वर्ण मंदिर में पैठ बनाने में कामयाब रहे। भाजपा नेता ने तीखा हमला करते हुए लिखा है कि अकाली दल के वर्चस्व को कुचलने के लिए कांग्रेस ने जिन्हे पैदा किया, उन पर कांग्रेस लगाम लगाने में नाकामयाब रही।
पंजाब में चलाए गए आपरेशन ब्लू स्टार को कांग्रेस सरकार की बड़ी ऐतिहासिक भूल बताया है। जेटली का आरोप है कि आपरेशन ब्लू स्टार को योजना बद्ध तरीके से अंजाम नही दिया गया, जिसके चलते सैकड़ों लोगो को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। इस पूरे आपरेशन में जानकारी का अभाव था।
सरकार इस बात से अंजान थी कि स्वर्ण मंदिर में किस प्रकार आतंकवादियों ने बड़े पैमाने पर अपने पैर जमा रखे थे। जेटली ने लिखा है कि किस तरह 'एक अदूरदर्शी सरकार ने इस फैसले के राजनीतिक दुष्परिणाम तक नही सोचे'।
जेटली ने इंदिरा गांधी की हत्या को याद करते हुए लिखा है कि, आपरेशन ब्लू स्टार के कारण प्रधानमंत्री की जान गई। भारत के इतिहास में यह सबसे दुखद घटना है। इस हादसे ने सरकार की विफलता को भी सामने लाने का काम किया। लेकिन इस हादसे के परिणाम इतने भयानक होंगे यह किसी ने नही सोचा था।
जेटली ने उस दौर को याद करते हुए लिखा है कि कैसे उस वक्त कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने खून का बदला खून के नारे लगाये। इस नारे को उस वक्त कई बार दूरदर्शन पर प्रसारित किया गया। इसके बाद ही सिखों के खिलाफ देश भर में दंगे शुरु हुए। कांग्रेस नेताओं ने भीड को और ज्यादा भड़काने का काम किया, यहां तक की पुलिस ने भी अपना काम ठीक से नही किया। कांग्रेस को पुलिस ने लूट मार करने के लिए खुला छोड दिया।
भाजपा नेता ने लिखा है कि इन सबके बाद कांग्रेस पार्टी ने दंगे पर आई रिपोर्ट को दबाने का काम किया, यहा तक कि उस वक्त के न्यायिक आयोग के रंगनाथ मिश्रा ने सरकार को क्लीन चीट दे दी और इसके ऐवज में उन्हें कई बड़े पद दिये गए।
वहीं दूसरी ओर भाजपा नेतृत्व की राजग सरकार ने सिखों के दर्द को समझा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार में आरोपियों की शिनाख्त का सिलसिला शुरु हुआ। मोदी सरकार ने भी 2015 में एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम का गठन किया। जिन दो आरोपियों को हाल ही में सजा हुई वो इस विशेष जांच दल की मेहनत का नतीजा है।