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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज, '200 प्वाइंट रोस्टर' पर अध्यादेश को मिल सकती है मंजूरी

केंद्रीय कैबिनेट की गुरुवार को बैठक होगी। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। बैठक में 13 प्वाइंट रोस्टर पर अध्यादेश की मंजूरी मिल सकती है।

By Mangal YadavEdited By: Published: Wed, 06 Mar 2019 01:19 PM (IST)Updated: Thu, 07 Mar 2019 01:20 AM (IST)
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज, '200 प्वाइंट रोस्टर' पर अध्यादेश को मिल सकती है मंजूरी
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक आज, '200 प्वाइंट रोस्टर' पर अध्यादेश को मिल सकती है मंजूरी

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय कैबिनेट की गुरुवार को बैठक होगी। प्रधानमंत्री आवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर होने वाली यह बैठक एनडीए सरकार के मौजूदा कार्यकाल में कैबिनेट की आखिरी बैठक मानी जा रही है। इस बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि '200 प्वाइंट रोस्टर' को लेकर अध्यादेश भी लाया जा सकता है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इस ओर पहले ही संकेत दे दिए हैं।

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रामविलास पासवान ने भी दिया अध्यादेश लाने का संकेत
उधर, केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने भी मंगलवार को पटना में कहा कि कॉलेजों में शैक्षणिक पदों पर नियुक्ति मामले में 13 प्वाइंट रोस्टर को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार एक-दो दिनों के भीतर अध्यादेश लाएगी। पुरानी व्यवस्था फिर से बहाल होगी। फिर से 200 प्वाइंट रोस्टर सिस्टम लागू किया जाएगा।

मंगलवार को छात्रों ने किया था प्रदर्शन
विश्वविद्यालयों में नौकरी में एससी-एसटी और ओबीसी के लिए आरक्षण के नए प्रावधान '13 प्वाइंट रोस्टर' को लेकर मंगलवार को छात्रों और अलग-अलग संगठनों ने लोगों ने बंद बुलाया था। हालांकि बंद का कोई खास असर नहीं देखा गया। विपक्षी नेता लगातार सरकार को इस मामले में घेर रहे हैं।

क्या है 13 प्वाइंट रोस्टर?
आरक्षण के नए प्रावधान '13 प्वाइंट रोस्टर' विवि में नियुक्ति में आरक्षण लागू करने का नया तरीका है। एससी-एसटी और ओबीसी इसे मौजूदा आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बता रहे हैं। वर्ष 2017 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि विवि में शिक्षकों की नियुक्ति विभाग/विषय के हिसाब से होगी, न कि विवि के हिसाब से। यूजीसी और मानव संसाधन मंत्रालय ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी।

सुप्रीम कोर्ट ने इसी वर्ष 22 जनवरी को याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट के 2017 के फैसले को बहाल रखा था, जिसमें आरक्षित पदों को भरने के लिए विभाग को यूनिट माना गया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में सरकार की रिव्यू पीटिशन को भी खारिज कर दिया था। अब एससी-एसटी व ओबीसी से जुड़े विभिन्न संगठनों की मांग है कि केंद्र सरकार अध्यादेश लाए, जिसमें विभाग की जगह विवि को यूनिट माना जाए।


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