Union Cabinet meeting: 2009 में स्थापित एनआइटी अब स्थायी परिसरों से होंगे संचालित
साल 2009 में स्थापित किए गए एनआइटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) अब स्थायी परिसरों से संचालित होंगे । केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर फैसला लिया गया।
नई दिल्ली, एएनआइ। साल 2009 में स्थापित किए गए एनआइटी (नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) अब स्थायी परिसरों से संचालित होंगे । केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इसपर फैसला लिया गया। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि वर्ष 2009 में स्थापित किए गए एनआइटी अपने संबंधित अस्थायी परिसर में सीमित स्थान और बुनियादी ढांचे के साथ 2010-2011 से काम करना शुरू कर दिया था। ये 31 मार्च से 2022 से संबंधित स्थायी परिसरों से पूरी तरह कार्यात्मक होंगे।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (एनआइटी) के परमानेंट कैंपसों के निर्माण के लिए 2021-2022 तक की अवधि के लिए 4371.90 करोड़ रुपये की कुल लागत पर नए रिवाइज्ड कॉस्ट एस्टीमेट को मंजूरी दे दी है।'
इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि दमन को केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के मुख्यालय के रूप में भी नामित करने का फैसला लिया गया है। कैबिनेट ने दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के विलय के मद्देनजर गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स वैल्यू एडेड टैक्स और एक्साइज ड्यूटी से संबंधित संशोधन / विस्तार / निरस्तिकरण को मंजूरी दे दी है।
अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच गठित आयोग को विस्तार
जावड़ेकर के अनुसार केंद्रीय सूची में अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच करने के लिए, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने संविधान के अनुच्छेद 340 के तहत गठित आयोग के कार्यकाल के विस्तार को मंजूरी दी है। कार्यकाल को 6 महीने बढ़ाकर 31 जुलाई 2020 तक कर दिया गया है।
हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी
जावड़ेकर ने आगे बताया कि आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने रसायन और पेट्रोकेमिकल्स विभाग के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के हिंदुस्तान फ्लूरोकार्बन लिमिटेड को बंद करने की मंजूरी दे दी है। यह लगभग बंद होने के कागार पर था।
शिपिंग मंत्रालय के एमओयू को मंजूरी
शिपिंग मंत्रालय ने एक मॉडल एमओयू तैयार किया है जिसे कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। मॉडल एमओयू मंत्रालय को अन्य देशों के साथ एमओयू में प्रवेश करने की शक्ति देता है, जो कि समुद्री यात्रियों की योग्यता प्रमाण पत्र की पारस्परिक मान्यता के लिए है।