Union Budget 2019: ऐसा क्या कह गए पीयूष गोयल कि निशाने पर आए मनमोहन सिंह
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह द्वारा पूर्व में दिए गए इस बयान पर बाद में पीएमओ के प्रवक्ता संजय बारू को सफाई तक देनी पड़ी थी। जानें क्या था वह बयान और क्या कहा पियूष गोयल ने।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। संसद में बजट पेश होने के बाद जहां सत्ता पक्ष गदगद है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी बजट और जुमलेबाजी बताकर नकारने पर उतारू है। बजट को लेकर सबका अपना-अपना नजरिया है और अपनी-अपनी राय भी। हालांकि, इस बजट भाषण में केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल कुछ ऐसा कह गए, जिससे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह समेत पूरी कांग्रेस निशाने पर आ गई है। इसकी वजह मनमोहन सिंह का पूर्व में दिया गया एक भाषण है।
पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक बार राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) में दिए गए अपने एक भाषण में कहा था कि देश के संसाधनों पर पहला हक पिछड़े व अल्पसंख्यक वर्गों और विशेषकर मुसलमानों का है। मनमोहन सिंह ने मुसलमानों को विकास के लाभ में बराबर की हिस्सेदारी सुनिश्चित करने के लिए उनके सशक्तिकरण की भी बात कही थी। मनमोहन सिंह के इस बयान का कांग्रेस ने भी समर्थन किया था। मनमोहन सिंह ने ये बयान 11वीं पंचवर्षीय योजना और विकास पर चर्चा के लिए बुलाई गई राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में कही थी।
मनमोहन सिंह का ये बयान उस वक्त आया था, जब कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित थे। लिहाजा उनके इस बयान ने काफी तूल पकड़ लिया। भाजपा ने पूर्व प्रधानमंत्री के इस बयान पर कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद एनडीसी का मंच राजनीति का अखाड़ा बन गया था और उसी मंच से भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री के बयान का कड़ा विरोध जताया था।
विरोध इतना बढ़ गया था कि बाद में प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता संजय बारू ने मनमोहन सिंह के बयान पर सफाई दी थी। उन्हें कहना पड़ा था कि प्रधानमंत्री अल्पसंख्यकों की बात कर रहे थे, केवल मुसलमानों की नहीं। गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी, मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान और छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह ने मनमोहन सिंह के बयान को देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया था।
मनमोहन सिंह के इसी बयान पर बिना अप्रत्यक्ष तौर पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री पियूष गोयल ने शुक्रवार (एक फरवरी 2019) को बजट पेश करते वक्त कहा कि देश के संसाधनों पर पहला हक गरीबों का है। साफ है कि पियूष गोयल इस बयान से मनमोहन सिंह के पूर्व में दिए गए बयान का खंडन करना चाहते थे। साथ ही वह आर्थिक रूप से कमजोर देश की एक बड़ी आबादी को लुभाने का प्रयास कर रहे थे। मालूम हो कि केंद्र सरकार ने कुछ दिन पहले ही आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण देने का भी कानून बनाया है। ऐसे में पियूष गोयल का ये बयान काफी महत्वपूर्ण है। उनके इस बयान के बाद एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह अपने पुराने बयान को लेकर निशाने पर आ गए हैं।