कृषि मंत्री बोले, मैं भविष्यवक्ता नहीं लेकिन चार जनवरी को बैठक में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार और किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। जानें उन्होंने अगली वार्ता को लेकर क्या बातें कही...
नई दिल्ली, पीटीआइ। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने शुक्रवार को कहा कि सरकार और किसान संघों के साथ चार जनवरी को होने वाली अगली बैठक में सकारात्मक नतीजे निकलने की उम्मीद है। हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ नहीं बताया कि सातवें दौर की बातचीत अंतिम होगी या यह आगे भी जारी रहेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री (Union Agriculture Minister) ने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि जो भी फैसला होगा देश और किसान के हित में होगा।'
कृषि मंत्री (Narendra Singh Tomar) से यह पूछे जाने पर कि क्या चार जनवरी को होने वाली बैठक आखिरी होगी... उन्होंने (Union Agriculture Minister) कहा कि एकदम तो अभी कुछ भी नहीं कह सकता हूं। मैं भविष्यवक्ता तो नहीं हूं लेकिन मुझे उम्मीद है कि जो भी फैसला होगा, देश के और किसान संगठनों के भले के लिए होगा। मालूम हो कि अब तक सरकार और किसान संगठनों के बीच छह दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन किसानों प्रदर्शन खत्म नहीं हो पाया है...
उल्लेखनीय है कि बीते 30 दिसंबर को हुई बैठक में पराली जलाने को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने (decriminalisation of stubble burning) और बिजली सब्सिडी जारी रखने की दो मांगों पर सहमति बन गई है। किसान संगठनों की दो अन्य मांगों पर अभी बात नहीं बन पाई है। इन मांगों में तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी (Minimum Support Price, MSP) खरीद प्रणाली की कानूनन गारंटी प्रदान करना जैसे मसले शामिल हैं।
दिल्ली से लगी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों के 41 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) ने कहा था कि चार मुख्य मुद्दों में से दो पर सहमति बनने के बाद गतिरोध का 50 फीसद समाधान हो गया है। बाकी बचे मुद्दों पर चार जनवरी को चर्चा होगी। केंद्रीय कृषि मंत्री (Narendra Singh Tomar) के ताजा बयान से जाहिर है कि सरकार किसानों के साथ गतिरोध के जल्द खत्म होने को लेकर आशान्वित है।
वहीं दूसरी ओर प्रदर्शनकारी किसानों ने अपनी मुख्य मांगें नहीं माने जाने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी है। ऑल इंडिया किसान संघर्ष कॉर्डिनेशन कमेटी का कहना है कि हमारी एक ही मांग है कि कृषि कानूनों को निरस्त किया जाए। किसान नेताओं ने एक अलग बयान में कहा है कि उन्होंने जो मसले उठाए हैं सरकार के साथ बैठकों में उनमें से केवल पांच फीसद पर ही चर्चा हुई है। एक अन्य किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा कि यदि चार जनवरी को कोई ठोस निर्णय नहीं होता तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा।