Adarsh Station Scheme: अब छोटे रेलवे स्टेशनों की बदलेगी सूरत, लिफ्ट समेत ये सुविधाएं मिलेंगी
Adarsh Station Scheme इस योजना के तहत 1253 रेलवे स्टेशनों का विकास होगा। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश के रेलवे स्टेशनों की सूरत बहुत जल्द ही बदली-बदली नजर आएगी। अगर आपको अमूमन छोटे रेलवे स्टेशनों पर भी लिफ्ट, स्वचालित सीढि़यां, स्वच्छ शौचालय, बेहतर विश्रामालय और चमचमाते प्लेटफॉर्म देखने को मिलते हैं तो हैरानी की बात नहीं होगी। रेलवे ने 'आदर्श' स्टेशन योजना के तहत 1,253 स्टेशनों को उन्नत बनाने का अभियान शुरू किया है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को लोकसभा में यह जानकारी दी।
पीयूष गोयल ने शून्य प्रहर के दौरान कहा कि 'आदर्श स्टेशन योजना' के तहत चुने गए इन स्टेशनों में से 1,103 स्टेशनों का विकास कर लिया गया गया है। शेष 150 स्टेशनों को इस वित्त वर्ष में विकसित कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले वित्तवर्ष के दौरान क्षेत्रीय रेलवे द्वारा अतिरिक्त 68 स्टेशनों को उन्नत बनाया गया है।
आदर्श स्टेशन योजना के तहत स्टेशनों के भवनों को बेहतर बनाने के साथ ही साथ स्टेशन के बाहर गाडि़यों के आवागमन की सुविधा में सुधार, बेहतर प्लेटफॉर्म, वेटिंग रूम, रिटाय¨रग रूम, फुटओवर ब्रिज जैसी अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं।
रेल नेटवर्क से जुड़े 87 'आकांक्षी जिले'
गोयल ने बताया कि देश के 115 'आकांक्षी जिलों' में से 87 को रेल नेटवर्क से जोड़ दिया गया है। ये आकांक्षी जिले देश के वो पिछड़े जिले हैं जो अभी तक रेल नेटवर्क से नहीं जुड़े थे। मोदी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में इन जिलों में विकास कार्यक्रमों को गति देने के लिए 'ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्टि्रक्ट' कार्यक्रम शुरू किया था।
रेलवे क्रॉसिंग खत्म करने के लिए करोड़ों की जरूरत रेल मंत्री ने बताया कि देश में सभी लेवल रेलवे क्रॉसिंग को खत्म करने के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत है। उन्होंने बताया कि एक अप्रैल, 2019 तक देश में कुल 21,340 मानवयुक्त लेबल क्रॉसिंग और 1,048 मानवरहित लेबल रेलवे क्रॉसिंग थे। इनकी जगह पर ओवरब्रिज या अंडरपास बनाने के लिए करोड़ों रुपये की जरूरत है। इनमें से पिछले साल साढ़े तीन हजार लेबल क्रॉसिंग को खत्म कर दिया गया।
सभी ट्रेनों में एलएचबी कोच
रेल मंत्री गोयल ने लोकसभा में बताया कि चरणबद्ध तरीके से ट्रेन के सभी पारंपरिक सवारी डिब्बों को लिंक हॉफमैन बुश (एलएचबी) कोच से बदला जाएगा। अभी 411 जोड़ी गाडि़यों में एलएचबी कोच लगे हैं। 2018-19 के बाद से रेल कारखानों में सिर्फ एलएचबी कोच का निर्माण ही हो रहा है। उन्होंने कहा कि अल्युमीनियम के कोच बनाने की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। रेल हादसों को रोकने के लिए भी कई उपाय किए गए हैं। इसके चलते हादसों में कमी आई है, 2013-14 में जहां 118 रेल हादसे हुए थे, वहीं 2018-19 में यह संख्या घटकर 59 पर आ गई।
बरहनी-काठमांडू रेल परियोजना में तेजी लाने की कोशिश
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगाड़ी ने लोकसभा को बताया कि बरहनी-काठमांडू रेल परियोजना में तेजी लाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि अंतर सरकारी समझौते पर नेपाल की सहमति का इंतजार है। विदेश मंत्रालय इसको लेकर नेपाल सरकार के संपर्क में है। शून्य प्रहर के दौरान उन्होंने कहा कि भारतीय क्षेत्र में पांच किलोमीटर तक के रेल लाइन बिछाने के लिए सर्वे का काम भी पूरा कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश के बरहनी से नेपाल के काठमांडू के बीच नई ब्रॉड गेज लाइन बिछाने के परियोजना 2015-16 में मंजूर की गई थी।
बुलेट ट्रेने के लिए 39 फीसद जमीन अधिग्रहित
रेल मंत्री गोयल ने एक सवाल पर बताया कि तेज गति रेल परियोजना, जिसे बुलेट ट्रेन परियोजना के नाम से भी जाना जाता है, के लिए 38.91 फीसद जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है। अहमदाबाद से मुंबई के बीच निर्माणाधीन इस परियोजना के लिए कुल 1380 हेक्टेयर जमीन की जरूरत है, जिसमें से 537 हेक्टयर जमीन का अधिग्रहण हो गया है। इस परियोजना को 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
सात हजार कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाने का लक्ष्य
गोयल ने बताया कि मार्च, 2021 तक मुख्य लाइन की ट्रेनों के सात हजार कोच में सीसीटीवी कैमरे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने बताया कि अब तक 1,300 कोच में सीसीटीवी कैमरे लगा भी दिए गए हैं। इसके अलावा प्रीमियम, मेल, एक्सप्रेस और उपनगरीय ट्रेनों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।