UN कंवेंशन में सौ से अधिक देश लेंगे हिस्सा, बंजर जमीनों की समस्या होगा विषय
कम पड़ती उर्वरक जमीनों को देखते हुए अगले माह यूएन कंवेंशन आयोजित की जाएगी जिसमें 100 से अधिक देश हिस्सा लेंगे। कंवेंशन में बंजर जमीनों की समस्या से निपटने के उपाय पर चर्चा की जाए
नई दिल्ली, एएनआइ। भारत की राजधानी नई दिल्ली में अगले माह बंजर जमीनों से निपटने को लेकर यूएन कंवेंशन (COP 14) आयोजित की जाएगी। 2 से 14 सितंबर तक चलने वाले COP 14 (संबद्ध पक्षों का सम्मेलन-14) से जुड़े कंवेंशन में 100 से अधिक देश शामिल होंगे। केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कंवेंशन के लिए वेबसाइट लांचिंग के मौके पर शुक्रवार को इस बात की जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘भारत एक अच्छा मेजबान होगा। दुनिया की बढ़ती जनसंख्या के साथ और उवर्रक जमीन की आवश्यकता भी बढ़ गई है। लेकिन लोगों की कार्यशैली के कारण कई जमीनें ऐसे ही पड़ी हैं।‘
उन्होंने कहा हमें बंजर जमीनों को उर्वरक बनाना है। इससे पहले उन्होंने प्रकाश जावड़ेकर ने कहा था कि सरकार ने विकास कार्यों के लिए एक पेड़ काटने की अनुमति दी तो इसके बदले 5 से 10 पेड़ लगाए गए। दुनिया की जनसंख्या बढ़ती जा रही है इसलिए हमें खेती के लिए अधिक जमीन की आवश्यकता है। लेकिन मानवीय कार्यों के कारण कितने ही जमीन बंजर हो गए हैं। हमें इसे उर्वरक बनाना है। इस मुद्दे पर आयोजित कंवेंशन में कई देश हिस्सा लेंगे।
उन्होंने आगे बताया, ‘हमने COP 14 पर वेबसाइट शुरू कर दी है। यह फायदेमंद कदम होगा और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इसमें हिस्सा लेंगे।’ COP 14 का आयोजन ग्रेटर नोएडा में होगा जिसमें 5,000 से अधिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे। दो सप्ताह के इस इवेंट के दौरान, अंतरराष्ट्रीय व गैर सरकारी संस्थाएं भी इसमें मौजूद होंगी जो बंजर जमीनों के साथ साथ सूखे व अन्य मामलों पर चर्चा करेंगी।
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