Move to Jagran APP

उमा भारती के तेवर फिर तीखे, कहा - सुब्रमण्यम स्वामी मेरे हीरो, जानें क्‍या हैं ट्वीट के मायने

गौरतलब है कि लंबे समय से उमा भारती अपने बयानों से पार्टी नेतृत्व को परेशानी में डालती रही हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने मध्य प्रदेश सहित तमाम भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी किए जाने का ट्वीट किया था।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Feb 2021 06:58 PM (IST)Updated: Tue, 02 Feb 2021 07:06 PM (IST)
उमा भारती के तेवर फिर तीखे, कहा - सुब्रमण्यम स्वामी मेरे हीरो, जानें क्‍या हैं ट्वीट के मायने
भाजपा की वरिष्‍ठ नेता उमा भारती सुब्रमण्यम स्वामी मेरे हीरो

भोपाल, राज्‍य ब्यूरो। मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा की वरिष्‍ठ नेता उमा भारती अपने आक्रामक तेवर के लिए जानी जाती हैं। उन्‍होंने एक बार फिर तीखे तेवर दिखाए हैं। उमा ने मंगलवार सुबह कई ट्वीट किए और कहा कि सुब्रमण्यम स्वामी को मैंने अपना हीरो एवं आदर्श माना। जब मैंने अपने लेख में उन्हें अपना हीरो और आदर्श कहा तो बहुत लोग प्रसन्न हुए और कुछ लोग नाराज भी हुए। उन्होंने लिखा कि स्वामी भारत की राजनीति के सर्वाधिक बुद्घिमान, भारतीय अर्थ नीति की गहरी समझ वाले विद्वान हिंदू हैं। उमा ने यह भी कहा कि मेरे नेता अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और राजमाता सिंधिया हैं।

loksabha election banner

स्वामी की तारीफ में किए गए ट्वीट को खुद की उपेक्षा के तौर पर देखा जा रहा

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2019 में उमा भारती ने चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद उन्हें भाजपा की नई टीम में भी कोई पद नहीं मिला। पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की टीम में उमा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थीं। लंबे समय से उमा भारती अपने बयानों से पार्टी नेतृत्व को परेशानी में डालती रही हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने मध्य प्रदेश सहित तमाम भाजपा शासित राज्यों में शराबबंदी किए जाने का ट्वीट किया था। हाल ही में उन्होंने राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी पर एक लेख लिखा था।

ट्वीट में उमा ने यह लिखा

- सुब्रमण्यम स्वामी देश के बेहद प्रतिभाशाली नेता हैं लेकिन उनकी प्रतिभा का सही उपयोग नहीं हो पाया। स्वामी मेरे आदर्श हैं। कलयुग की त्रासदी है कि कौए खीर खा रहे हैं और हंस मोती की जगह दाना चुग रहे हैं।

- मैंने हमेशा डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी को अपना हीरो और आदर्श माना है। वे भारतीय राजनीति के सर्वाधिक बुद्घिमान, भारतीय अर्थ नीति की गहरी समझ रखने वाले एक विद्वान हिंदू हैं।

उमा के ट्वीट के मायने

आम बजट के ठीक बाद आई उमा की प्रतिक्रिया ने सवाल भी खड़े किए हैं। स्वामी की अर्थनीति की तारीफ को बजट की आलोचना के रूप में देखा जा रहा है। स्वामी भी केंद्र सरकार के फैसलों पर सवाल उठाते रहते हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उमा के ट्वीट स्वयं की उपेक्षा से जुड़े हैं। स्वामी के बहाने उन्होंने अपना दर्द भी बयां किया है।

नेतृत्व को परेशान कर रही उमा

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि उमा अपनी ओर ध्यान आकृष्ट करने के लिए या नेतृत्व को परेशान करने के लिए ऐसे बयान देती रहती हैं। हालांकि इससे पार्टी नेतृत्व के सामने कोई संकट खड़ा होने वाला नहीं है। गौरतलब है कि उमा राम मंदिर जन्मभूमि आंदोलन से जुड़ी रही हैं। 2020 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर का शिलान्यास करने अयोध्या गए थे, तब भी उन्होंने विवादास्पद बयान दिया था कि वे कार्यक्रम में शामिल न होकर सरयू किनारे ध्यान लगाएंगी।

हालांकि नेतृत्व की फटकार के बाद वे कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। एक बार वे भाजपा छोड़कर अपनी पार्टी भारतीय जनशक्ति पार्टी भी बना चुकी हैं। ट्वीट के बारे में बातचीत के लिए उमा भारती से संपर्क साधा गया, पर वे उपलब्ध नहीं हुईं।

भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि उमा भारती द्वारा सुब्रमण्यम स्वामी की तारीफ करने को भाजपा नेतृत्व की आलोचना कहना सर्वथा गलत है। उन्होंने स्वयं बजट की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का अभिनंदन किया है। बजट को समग्र विकास के लिए और भारत को प्रतिष्ठा देने वाला बताया है। उमा जी वरिष्ठ नेता हैं। उनके शेष निजी विचारों पर टिप्पणी करना मेरे अधिकार क्षेत्र से बाहर है एवं उचित भी नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.