मेघालय में यूडीपी ने भाजपा के नेतृत्व वाले पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन से तोड़ा नाता
नागरिकता (संशोधन) बिल के मुद्दे पर पूर्वोत्तर में भाजपा के एक और प्रमुख सहयोगी क्षेत्रीय दल ने बुधवार को गठबंधन से किनारा करने का एलान कर दिया।
शिलांग, आइएएनएस। नागरिकता (संशोधन) बिल के मुद्दे पर पूर्वोत्तर में भाजपा के एक और प्रमुख सहयोगी क्षेत्रीय दल ने बुधवार को गठबंधन से किनारा करने का एलान कर दिया। मेघालय के प्रमुख क्षेत्रीय दल यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी (यूडीपी) ने भाजपा के नेतृत्व वाली पूर्वोत्तर प्रजातांत्रिक गठबंधन (नेडा) से नाता तोड़ने की घोषणा की है।
यूडीपी ने यह कदम भाजपा प्रमुख अमित शाह के गत दिनों दिए गए एक बयान के बाद उठाया है। शाह ने नागरिकता (संशोधन) बिल को पार्टी के चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने और सत्ता में आने पर इसे पारित कराने की बात कही थी। यूडीपी उपाध्यक्ष एएफ डखर ने कहा, 'हमने भाजपा की नेतृत्व वाली नेडा से नाता तोड़ लिया है। पूर्वोत्तर और खासकर मेघालय के स्थानीय लोगों के हितों को लेकर भाजपा नेतृत्व की असंवेदनशीलता के कारण यह कदम उठाया है।'
60 सदस्यीय मेघालय विधानसभा में यू़डीपी के नौ सदस्य हैं, जो नेशनल पीपुल्स पार्टी की नेतृत्व वाली मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस सरकार का समर्थन कर रहे हैं। दो विधायकों वाली भाजपा भी छह दलों वाले गठबंधन में शामिल है। गठबंधन के समर्थन के सवाल पर डखर ने कहा कि यह एनपीपी पर निर्भर करता है। मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी अध्यक्ष कोनराड संगमा भी एनडीए से नाता तोड़ने की चेतावनी दे चुके हैं।
असम गण परिषद इस मुद्दे पर भाजपा की नेतृत्व वाली असम सरकार से अलग हो चुकी है। नागरिकता (संशोधन) बिल नागरिकता कानून 1955 में संशोधन के लिए वर्ष 2016 के बिल को इसी साल आठ जनवरी को लोकसभा में पारित किया गया। इसमें छह साल से ज्यादा समय से रह रहे अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के अल्पसंख्यक- ¨हदू, बौद्ध, सिख, जैन, पारसी व ईसाई को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। हालांकि, इसे राज्यसभा से पास नहीं कराया जा सका। पूर्वोत्तर में इस बिल का विरोध हो रहा है।