लद्दाख को चीन में दिखाने पर ट्विटर ने मांगी माफी : मीनाक्षी लेखी
पिछले महीने संसदीय समिति और भारत सरकार ने ट्विटर को उसकी लोकेशन सेटिंग को लेकर चेतावनी दी थी जिसमें लेह को चीन में दिखाया गया था। केंद्र सरकार का कहना था कि देश की संप्रभुता और अखंडता के प्रति किसी भी तरह का असम्मान बिल्कुल असहनीय है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। लद्दाख को गलत तरीके से चीन में दिखाने के लिए ट्विटर ने संयुक्त संसदीय समिति से लिखित में माफी मांगी है। साथ ही उसने इस महीने के अंत तक गलती सुधारने का वादा किया है। डाटा प्रोटेक्शन बिल पर बनी इस संसदीय समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने बुधवार को यह जानकारी दी। मीनाक्षी लेखी ने बताया कि ट्विटर की ओर से दाखिल हलफनामे पर ट्विटर इंक के चीफ प्राइवेसी आफीसर डेमियन करिएन ने हस्ताक्षर किए हैं। पिछले महीने संसदीय समिति और भारत सरकार ने ट्विटर को उसकी लोकेशन सेटिंग को लेकर चेतावनी दी थी जिसमें लेह को चीन में दिखाया गया था।
देश की संप्रभुता और अखंडता के प्रति असम्मान असहनीय
सरकार का कहना था कि देश की संप्रभुता और अखंडता के प्रति किसी भी तरह का असम्मान बिल्कुल असहनीय है। संसदीय समिति के समक्ष दाखिल हलफनामे में ट्विटर ने कहा है कि साफ्टवेयर में गड़बड़ी और अपूर्ण डाटा का परिणाम गलत जियो-टैग के रूप में सामने आया। कंपनी ने पिछले कुछ हफ्तों में जियो-टैग के इस मसले को हल करने की दिशा में काम किया है जिसमें लेह के साथ-साथ केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के अन्य शहरों को भी उनके सही नाम, राज्य और देश के साथ प्रदर्शित किया जाएगा।
भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाना राजद्रोह का अपराध
जब संयुक्त संसदीय समिति ने नोटिस भेजा था तो सांसद ने मीनाक्षी लेखी ने कहा था कि ट्विटर इंडिया के प्रतिनिधियों ने कहा कि कंपनी भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करती है, लेकिन यह मामला केवल भारत एवं भारतीयों की भावनाओं का नहीं है। यह देश की अखंडता एवं संप्रभुता का सवाल है और इसका सम्मान नहीं करना आपराधिक कृत्य है। भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाना राजद्रोह का अपराध है और इसके लिए सात साल की जेल हो सकती है।