हार पर ममता बनर्जी का वार, माकपा के आत्मसमर्पण व कांग्रेस की लापरवाही से जीती भाजपा
ममता बनर्जी ने कहा कि आश्चर्य तो माकपा नेताओं पर होता है कि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
कोलकाता, (राज्य ब्यूरो)। त्रिपुरा के चुनावी नतीजे को लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शनिवार को राज्य सचिवालय में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को गठबंधन के लिए प्रस्ताव दिया था। उनसे कहा था कि साथ में चुनाव लड़ें, सीटों को लेकर भी वे समझौता करने को तैयार थीं, लेकिन वे तैयार नहीं हुए और नतीजा सामने है। ममता ने कहा कि नगालैंड और मेघालय में जहां भाजपा का प्रतिरोध हुआ, वहां वह नहीं उभर सकी। त्रिपुरा में प्रतिरोध नहीं हुआ तो वह जीत गई। आश्चर्य तो माकपा नेताओं पर भी होता है कि उन्होंने सीधे तौर पर भाजपा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों के चुनावी नतीजे, खासकर त्रिपुरा में भाजपा की जीत को महत्व देने को ममता तैयार नहीं हैं। उन्होंने भाजपा की आलोचना करते हुए कहा कि इसे लेकर उसे ज्यादा उत्साहित नहीं होना चाहिए। त्रिपुरा एक छोटा राज्य है। वहां भाजपा की जीत को बड़ा दिखाने की जरूरत नहीं है। जो लोग त्रिपुरा में भाजपा की जीत को बड़ा करके दिखा रहे हैं, वे भ्रम में हैं। ममता ने कहा कि त्रिपुरा में 25 लाख मतदाता हैं जो पश्चिम बंगाल के एक छोटे जिले के बराबर है। पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले में मतदाताओं की संख्या 38 लाख है यानी यहां के एक जिले से भी त्रिपुरा छोटा है। मात्र दो सांसदों वाले राज्य में जीत को लेकर भाजपा उत्साहित है। त्रिपुरा में भाजपा की जीत नहीं हुई है बल्कि माकपा के अहंकार की हार हुई है।
ममता ने कहा कि पूर्वोत्तर में धन-बल और सत्ता बल पर चुनाव हुआ, लेकिन माकपा ने विरोध नहीं किया। माकपा ने चुनाव आयोग में शिकायत करने की जरूरत भी नहीं समझी। ममता का कहना है कि त्रिपुरा में माकपा का लंबे समय तक शासन के कारण भी सत्ता विरोधी लहर बनी, लेकिन मुख्य विपक्षी दल की हैसियत रखने वाले कांग्रेस ने कुछ नहीं किया। उनके मुताबिक ईवीएम में गड़बड़ी की गई और केंद्रीय बल का इस्तेमाल किया गया।