नोटबंदी की आज दूसरी सालगिराह, ममता बनर्जी ने कसा मोदी सरकार पर तंज
भाजपा थिंक टैंक ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया गया कि मोदी सरकार के नोटबंदी के कड़े फैसले से वामपंथी चरमपंथियों की कमर टूट गई है और शहरी नक्सलियों का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। आज नोटबंदी को पूरे दो साल हो गए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2016 में आज ही के दिन 8 नवंबर को रात आठ बजे यह घोषणा की थी कि 500 और 1000 रुपये के नोट अब नहीं चलेंगे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी की दूसरी सालगिराह पर मोदी सरकार के स कदम की आलोचना की है।
ममता बनर्जी ने ट्वीट में लिखा है, 'डार्क-डे! नोटबंदी आपदा की आज दूसरी सालगिरह है। इसे लागू करने के वक्त मैंने इसके गंभीर परिणाम बताए थे, अब प्रसिद्ध अर्थशास्त्री, आम लोग और विशेषज्ञ भी मेरी कही बातों पर मुहर लगा चुके हैं। सरकार ने देश को धोखा देकर नोटबंदी घोटाला किया था। इसने अर्थव्यवस्था और लाखों लोगों के जीवन को बर्बाद कर दिया था। ये कदम जिन्होंने उठाया था, जनता उन्हें दंडित करेगी।'
हालांकि पिछले दिनों भाजपा थिंक टैंक ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें दावा किया गया कि मोदी सरकार के नोटबंदी के कड़े फैसले से वामपंथी चरमपंथियों की कमर टूट गई है और शहरी नक्सलियों का असली चेहरा लोगों के सामने आ गया है। पब्लिक पॉलिसी रिसर्च सेंटर (पीपीआरसी) ने नक्सलियों से निपटने में नोटबंदी का प्रभाव नाम से जारी अपने अध्ययन में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले ने वामपंथी चरमपंथियों की कमर तोड़ दी है, और शहरी नक्सली बेनकाब हो गए हैं।
पीपीआरसी के मुताबिक, छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित सुकमा, बीजापुर, राजनांदगांव और नारायणपुर जिलों में आदिवासियों के साथ ही आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों से बात के आधार पर रिपोर्ट तैयार की गई है। भाजपा के उपाध्यक्ष और पीपीआरसी के निदेशक विनय सहस्त्रबुद्धे ने इस शोध अध्ययन को जारी किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2015 की तुलना में नोटबंदी के बाद साल 2017 में नक्सलियों की गिरफ्तारी और समर्पण के मामले 55 फीसद बढ़ गए। प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर, 2016 को 500 और 1000 रुपये के नोट को प्रचलन से बाहर करने का एलान किया था।