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Ayodhya land dispute case: 34वें दिन सुनवाई जारी, मुस्लिम पक्ष की ओर से शेखर नेफेड कर रहे बहस

सुप्रीम कोर्ट आज Ayodhya land dispute case में 34वें दिन सुनवाई कर रहा है। बीते शुक्रवार को एएसआइ की रिपोर्ट पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसे ऐसे खारिज नहीं किया जा सकता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 09:51 AM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 12:05 PM (IST)
Ayodhya land dispute case: 34वें दिन सुनवाई जारी, मुस्लिम पक्ष की ओर से शेखर नेफेड कर रहे बहस
Ayodhya land dispute case: 34वें दिन सुनवाई जारी, मुस्लिम पक्ष की ओर से शेखर नेफेड कर रहे बहस

नई दिल्‍ली, ब्‍यूरो/एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट में आज Ayodhya land dispute case में 34वें दिन की सुनवाई हो रही है। मुस्लिम पक्ष की ओर से शेखर नेफेड बहस कर रहे हैं। बीते शुक्रवार को एएसआइ (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) रिपोर्ट को काल्पनिक और महज राय बताते हुए ठोस साक्ष्य न होने की मुस्लिम पक्ष की दलील पर शीर्ष अदालत ने कहा था कि विशेषज्ञों की रिपोर्ट को ऐसे खारिज नहीं किया जा सकता। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने कहा था कि माहिर विशेषज्ञों द्वारा भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की रिपोर्ट से निष्कर्ष निकाला गया है।

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बता दें कि शीर्ष अदालत ने यह टिप्‍पणी उस वक्‍त की थी जब मुस्लिम पक्षकारों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने संविधान पीठ से कहा था कि एएसआई की रिपोर्ट को साक्ष्‍य नहीं माना जा सकता है यह महज एक राय है। एसआइ की रिपोर्ट अनुमान पर आधारित है। उन्‍होंने सवाल उठाया था कि आखिर एएसआइ खोदाई में मिले ढांचे को किस आधार पर मंदिर कह रहा है, उसका यह निष्कर्ष सही नहीं है।

मिनाक्षी अरोड़ा ने कहा कि एएसआइ रिपोर्ट के मुताबिक, राम चबूतरे के नीचे वाटर टैंक (पानी की टंकी) पाया गया है। उन्होंने कहा, एसआइ ने खोदाई में मिले खंडहरों को बिना ठोस आधार के मंदिर का अवशेष कह दिया है जो सही नहीं है। खंडहर किसी चीज के भी हो सकते हैं। हाई कोर्ट ने एएसआइ से यह पता लगाने को कहा था कि क्या वहां पहले कोई मंदिर था और क्या मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी। रिपोर्ट से यह साबित नहीं होता कि वहां पहले राम जन्मस्थान मंदिर था। न ही यह साबित होता है कि वहां मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाई गई थी।


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