पिछले 20 सालों के मुकाबले टॉप रहा लोकसभा का ये सत्र, जानें अब तक कितना हुआ कामकाज
लोकसभा का ये सत्र पिछले 20 सालों के मुकाबले काफी उत्पादक रहा है। अब केंद्र सरकार कुछ और बैठकें बढ़ाने पर विचार कर रही है।
नई दिल्ली,एजेंसी। इस बार का लोकसभा सत्र पिछले 20 वर्षों के मुकाबले काफी उत्पादक रहा है। अब केंद्र सरकार इस सत्र की कुछ और बैठकें बढ़ाने पर विचार कर रही है। इसके संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को हुई भाजपा की संसदीय दल की बैठक में दिए। कई विधान (legislations) अभी भी लंबित हैं और सरकार अलग मानसून सत्र बुलाने के बजाय इस सत्र को ही बढ़ाकर लंबित कई कानूनों को पास करना चाहती है। एक सूत्र ने कहा, 'मौजूदा सत्र के बाद, अगला शीतकालीन सत्र होगा।'
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, 'सत्र को आगे बढ़ाने की संभावना है। हालांकि, इस संबंध में औपचारिक निर्णय कुछ दिनों में हो सकता है। '17 वीं लोकसभा का पहला सत्र अपने निर्धारित समय से अधिक समय से काम कर रहा है, पिछले 20 वर्षों में इसकी उत्पादकता सबसे अधिक रही है।
पीआरएस द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, इस बार 16 जुलाई तक लोकसभा की उत्पादकता 128% है जो पिछले 20 वर्षों में किसी भी सत्र के लिए सबसे अधिक है। इसके बाद दूसरे स्थान पर 2016 में बजट सत्र और 2014 में शीतकालीन सत्र की उत्पादकता लगभग 125% थी। 11 जुलाई को, लोकसभा की उत्पादकता सबसे अधिक थी क्योंकि सदन ने आधी रात तक रेल मंत्रालय के लिए अनुदान की मांग पर चर्चा की।
मंगलवार को भी, निचले सदन ने आधी रात तक कार्य किया। सदन के निरंतर कामकाज के बावजूद, पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो सत्र को कुछ दिनों के लिए बढ़ाया जाएगा क्योंकि कारोबार पूरा होना चाहिए। इसके अलावा, अगले सत्र से पहले 4-5 महीने का अंतर होगा और सरकार कई प्रमुख विधानों को लंबित नहीं रखना चाहती है, क्योंकि इनमें से कई बिल सरकार को टॉप एजेंडा में से एक है।। अब तक, सत्र कम से कम आठ बिल पारित कर चुका है।