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Delhi Violence: दिल्ली में हिंसा की जिम्मेदारी तय करने के लिए हो न्यायिक जांच: कर्ण सिंह

कर्ण सिंह की मांग है कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ-साथ उन लोगों को भी उचित मुआवजा दिया जाए जिनकी संपत्ति को नुकसान हुआ है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 08:39 AM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 08:39 AM (IST)
Delhi Violence: दिल्ली में हिंसा की जिम्मेदारी तय करने के लिए हो न्यायिक जांच: कर्ण सिंह
Delhi Violence: दिल्ली में हिंसा की जिम्मेदारी तय करने के लिए हो न्यायिक जांच: कर्ण सिंह

नई दिल्ली, प्रेट्र। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कर्ण सिंह ने बुधवार को कहा कि दिल्ली के हिंसाग्रस्त इलाकों में शांति स्थापित करने के लिए अगर जरूरी हो तो सेना तैनात की जानी चाहिए। हालात सामान्य हो जाने के बाद इसकी जिम्मेदारी तय करने के लिए न्यायिक जांच भी कराई जानी चाहिए।दिल्ली से राज्यसभा सदस्य रहे कर्ण सिंह ने कहा, 'दिल्ली में आधी सदी से ज्यादा समय तक रहने और संसद में उसका प्रतिनिधित्व करने के बाद में मुझे राजधानी में हुई इस सांप्रदायिक हिंसा से अविश्वसनीय रूप से हैरानी हुई है।'

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उन्होंने कहा कि इस हिंसा में हुई जान-माल की हानि वर्षो तक हमारी राजधानी पर धब्बा रहेगी। 88 वर्षीय कांग्रेस नेता ने सभी समुदायों से अपील की कि वे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और हिंसा के शिकंजे में न फंसे जिससे और ज्यादा जनहानि व नुकसान होगा। कर्ण सिंह ने मांग की कि हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों के साथ-साथ उन लोगों को भी उचित मुआवजा दिया जाए जिनकी संपत्ति को नुकसान हुआ है।

कांग्रेस ने निकाला शांति मार्च

दिल्ली में हुई हिंसा के विरोध में विभिन्न संगठनों ने जंतर-मंतर पर धरना दिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सेना तैनात करने की मांग की है। वहीं, कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने महासचिव प्रियंका वाड्रा के नेतृत्व में शांति मार्च निकाला। कांग्रेस मुख्यालय से गृहमंत्री अमित शाह के निवास तक मार्च निकाला जाना था, लेकिन पुलिस ने उन्हें जनपथ पर रोक दिया। इससे नाराज कांग्रेस नेता वहां धरने पर बैठ गए। प्रियंका ने कहा कि केंद्र सरकार दिल्ली में हिंसा रोकने में नाकाम रही है और इसके लिए गृहमंत्री अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए। हम लोग उनके निवास पर जाकर इस्तीफा मांगना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने रोक दिया। उन्होंने कहा कि सदियों से सभी लोग यहां इकट्ठे रह रहे हैं। आज इस एकता को खत्म करने की कोशिश हो रही है। कांग्रेस के संघर्ष से देश को आजादी मिली है।

कार्यकर्ताओं का कर्तव्य है कि वह शांति बनाए रखें और अमन की बात करें। अलग-अलग धर्मो के दस लोगों को इकट्ठा करके शांति प्रयास करना चाहिए। हमें हर घर में जाकर शांति व अहिंसा की बात करनी होगी। इस बीच, जंतर-मंतर पर 50 से अधिक सामाजिक संगठनों ने दिल्ली के हालात पर अपना दुख जताते हुए शांति बनाए रखने की मंच से अपील की। धरना प्रदर्शन में पहुंचीं कम्युनिस्ट पार्टी की नेता वृंदा करात ने कहा कि दिल्ली की जनता शांति चाहती है। योजना आयोग की पूर्व सदस्य सहिदा हमिद ने बताया कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को केंद्र सरकार पर दवाब बनाना चाहिए, जिससे कि केंद्र के कुछ नेताओं की कुर्सी हिल सके और वह हिंसा को रोकने का काम कर सकें। दिल्ली के मुख्यमंत्री अर¨वद केजरीवाल ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि जिन इलाकों में फोर्स नहीं है वहां फोर्स भेजी जाए।


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