भगवान हनुमान पर नया विवाद, ठाकुर बोले- आदिवासी समाज से कोई लेना देना नहीं
प्रकाश ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि भगवान हनुमान का आदिवासी समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें आर्य पुत्र और जनेऊधारी बताया गया है।
जगदलपुर, नई दुनिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भगवान हनुमान को कथित तौर पर दलित बताए जाने के बाद भाजपा नेता और राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष नंदकुमार साय ने उन्हें आदिवासी बता कर नए विवाद को जन्म दिया है। इससे आदिवासी समाज नाराज है।
सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने बयान जारी कर कहा कि भगवान हनुमान का आदिवासी समुदाय से कोई लेना-देना नहीं है। उन्हें आर्य पुत्र और जनेऊधारी बताया गया है। नेताओं का इस तरह का बयान आदिवासी समुदाय को धर्मांतरित करने की साजिश है। इस मामले को आदिवासी समाज हजोर बुमकाल (आदिवासी पारंपरिक न्यायालय) में ले जाएगा। वहीं, इस मामले में साय को नोटिस जारी किया जाएगा और संतोषजनक जवाब न मिलने पर मामला अदालत में भी ले जाया जाएगा।
आदिवासी मूर्ति सेवक नहीं
उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय प्रकृति और पुरखों के सेवक हैं, मूर्ति सेवक नहीं। आदिवासी समुदाय के पुरखे आदिम काल में भी मानव थे बंदर नहीं। प्रकाश ठाकुर ने कहा कि नंदकुमार साय को आदिवासी समुदाय की टण्डा, मण्डा, कुण्डा रढि़ प्रथा, परंपरा की जानकारी नहीं है। टण्डा, मण्डा, कुण्डा से ही आदिवासियों की पहचान जांच पड़ताल निर्धारित होती है। समाज के इतने वरिष्ठ व्यक्ति व राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के जिम्मेदार पद पर रहते हुए जनजाति समुदाय की नेंग नीति की जानकारी नहीं है तो फिर पूरे समुदाय को बदनाम करने का हक भी नहीं है।