भारत के लिए पाक से बातचीत में इन लोगों की सुरक्षा रहेगी सबसे जरूरी
करतारपुर कॉरिडोर को लेकर दोनों देशों के बीच बातचीत कल। बीच में पुल बनाने को लेकर नहीं बन रही है सहमति।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। करतारपुर कॉरिडोर के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच रविवार को द्विपक्षीय बातचीत होगी। वाघा सीमा पर पाकिस्तान के क्षेत्र में होने वाली दूसरे दौर की इस बातचीत में यात्रियों की सुविधा, संख्या और जीरो प्वाइंट कनेक्टिविटी के प्रमुख मुद्दों पर दोनों देश आपसी मतभेदों को दूर करने की कोशिश करेंगे। साथ ही दोनों देश अपने-अपने क्षेत्र में पूरा हो चुके काम का ब्योरा भी देंगे। इस प्रोजेक्ट को लेकर पाकिस्तान द्वारा बनाई गई समिति में खालिस्तान समर्थक गोपाल सिंह चावला को शामिल करने का मुद्दा भी भारत उठाएगा।
दरअसल भारत की तरफ करतारपुर कॉरिडोर पर जो पैसेंजर टर्मिनल बन रहा है वहां पर 500 गाडि़यों की पार्किंग की व्यवस्था के साथ-साथ एयरपोर्ट की तरह तमाम आधुनिक सुविधाएं मुहैया कराने की तैयारी है। त्योहार के दिन जब ज्यादा भीड़भाड़ रहती है और यात्रियों की संख्या 15000 तक पहुंच सकती है तो उसके लिए खास तौर पर लाउंज बनाया जा रहा है।
भारत सरकार की ओर से कॉरिडोर को बनाने के लिए 30 इंजीनियर और 200 से ज्यादा मजदूर काम पर लगे हुए हैं। प्री फेब्रिकेटेड स्टील स्ट्रक्चर पैसेंजर टर्मिनल के लिए अलग से तैयार किया रहा है। ऐसा इसलिए कि समय कम से कम लगे और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण कॉरिडोर पर सड़क का काम 60 फीसदी से ज्यादा पूरा कर चुका है। चार लेन की सड़क के दोनों और सर्विस लेन भी बनाया जा रहा है। पाकिस्तान में खालिस्तानी आतंकियों की सक्रियता और कॉरिडोर से संबंधित कमेटी में उनके रखे जाने पर आपत्ति जता चुका भारत अपनी ओर से सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम कर रहा है। इसके लिए पूरे कॉरिडोर के चप्पे-चप्पे पर सीसीटीवी कैमरे की नजर होगी।
करतारपुर कॉरिडोर में सबसे समस्या बीच में पुल बनाने को लेकर आ रहा है। यहां 320 मीटर का फ्लड एरिया है जिस पर भारत पुल बना रहा है। दोनों देशों के बीच हुए समझौते के मुताबिक भारत को 70 मीटर का पुल बनाना है, जबकि पाकिस्तान को 250 मीटर का पुल बनाना है।
भारत सरकार ने अपनी ओर से पुल बनाने का काम शुरू कर दिया। लेकिन पाकिस्तान की ओर से ढाई सौ मीटर का जो पुल बनाना है, वहां पुल बनाने की बजाय मिट्टी से रास्ता बनाने की बात की जा रही है। पाकिस्तान इतनी जल्दी पुल बनाने को तैयार नहीं है। इस पर रविवार को दोनों देशों के बीच चर्चा हो सकती है।
भारत के गुरदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा और पाकिस्तान के करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के बीच बनने वाले इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य इस साल अक्टूबर तक पुरा करना है। नवंबर में सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की 550वीं जयंती यानी प्रकाशोत्सव पर्व है। गुरु नानक देव दी ने गुरुद्वारा दरबार साहिब में ही 1539 में अंतिम सांस ली थी।