आरएसएस ने कहा; नागरिकता विधेयक से 1.5 करोड़ लोगों को होगा लाभ, समर्थन में चलाया जाएगा अभियान
असम में विधेयक का सीमित प्रभाव होने का तर्क देते हुए आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दावा किया कि राज्य में इससे केवल छह लाख लोगों को लाभ मिलेगा।
नई दिल्ली, प्रेट्र। नागरिकता संशोधन विधेयक (Citizenship Amendment Bill) से देश में 1.5 करोड़ लोगों को लाभ होगा। इनमें से 50 फीसद से ज्यादा एससी और एसटी हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि विधेयक के समर्थन में देशभर में अभियान चलाया जाएगा।
असम में ही केवल छह लाख लोगों को मिलेगा लाभ
असम में विधेयक का सीमित प्रभाव होने का तर्क देते हुए आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने दावा किया कि राज्य में इससे केवल छह लाख लोगों को लाभ मिलेगा, वहीं पश्चिम बंगाल में 72 लाख से अधिक लोग लाभान्वित होंगे। उन्होंने कहा कि देश में एक दशक से रहने वाले प्रताडि़त हिंदुओं, सिखों और बौद्धों को लाभ मिलेगा और वे देश के 'स्वाभाविक नागरिक' हैं। उनका कहना था कि धर्म के आधार पर देश के बंटवारे के कारण ही यह हुआ।
संघ के सूत्रों ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाकर पंचायत स्तर तक पहुंचा जाएगा और लोगों को इस विधेयक के लाभ के बारे में जागरूक किया जाएगा।
भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान
बता दें कि नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा के बाद अब राज्यसभा से भी मंजूरी मिल गई। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक कानून बन जाएगा। संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा के बाद इस विधेयक को पारित कर दिया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज कर दिया। विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े जबकि 105 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। बता दें कि लोकसभा इस विधेयक को पहले ही पारित कर चुकी है।