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डिजिटल पेमेंट पर छूट, जीएसटी दरों में और कटौती के आसार नहीं

इस बीच सरकार ने साफ संकेत दिया कि राजस्व संग्रह की चिंता के मद्देनजर फिलहाल जीएसटी की दरों में और कटौती के आसार नहीं है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 09:10 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 09:18 PM (IST)
डिजिटल पेमेंट पर छूट, जीएसटी दरों में और कटौती के आसार नहीं
डिजिटल पेमेंट पर छूट, जीएसटी दरों में और कटौती के आसार नहीं

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल ने आखिरकार डिजिटल पेमेंट पर जीएसटी में छूट के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। ग्राहकों को यह छूट तभी मिलेगी जब वे खरीददारी करते वक्त 'रुपे कार्ड', 'भीम ऐप' या फिर 'यूपीआइ' सिस्टम के जरिए भुगतान करेंगे। हालांकि यह सुविधा किसी एक राज्य में पायलट के तौर पर शुरु की जाएगी और इसका क्रियान्वयन सफल रहने पर अन्य राज्यों में इसे लागू किया जाएगा।

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इस बीच सरकार ने साफ संकेत दिया कि राजस्व संग्रह की चिंता के मद्देनजर फिलहाल जीएसटी की दरों में और कटौती के आसार नहीं है। केंद्रीय वित्त मंत्री पीयूष गोयल की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की बैठक में डिजिटल भुगतान पर जीएसटी में छूट के प्रस्ताव को हरी झंडी देने के साथ-साथ सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की समस्याओं के समाधान और सुझावों पर अमल के लिए एक मंत्रिसमूह गठित करने का निर्णय भी किया गया। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह में बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, असम के वित्त मंत्री हेमंत विश्व शर्मा, केरल के वित्त मंत्री थॉमस आइजैक और पंजाब के वित्त मंत्री मनप्रीत बादल शामिल हैं।

माना जा रहा है कि यह समूह जीएसटी काउंसिल की गोवा में 28-29 सितंबर को होने वाली अगली बैठक से पहले अपनी रिपोर्ट दे सकता है।गोयल ने काउंसिल के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि राज्य स्वैच्छिक आधार पर पायलट के तौर पर डिजिटल भुगतान पर जीएसटी में छूट की इस योजना को लागू करेंगे। जीएसटीएन और नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया इसके लिए एक सिस्टम डवलप करेंगे, इसके बाद यह लागू किया जाएगा। सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले समूह ने की थी सिफारिशकाउंसिल ने यह निर्णय बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह की सिफारिशों के आधार पर किया है।

मोदी की अध्यक्षता वाले मंत्रिसमूह ने कहा था कि रुपे कार्ड, भीम ऐप और यूपीए के जरिए डिजिटल भुगतान करने वालों को जीएसटी की राशि में 20 प्रतिशत की छूट दी जाए। हालांकि यह छूट अधिकतम 100 रुपये ही हो। हालांकि काउंसिल की बैठक में दिल्ली, पंजाब, पश्चिम बंगाल और केरल के वित्त मंत्रियों ने इस तरह की छूट देने का सिद्धांत: विरोध किया। उनकी दलील थी कि अगर यह निर्णय किया जाता है तो अलग-अलग राज्य फिर ऐसे प्रस्ताव लेकर आ सकते हैं।

सूत्रों ने कहा कि बैठक में तमिलनाडु, हरियाणा और असम ने उनके यहां डिजिटल भुगतान पर जीएसटी में छूट की योजना को पायलट के बतौर शुरु करने की पेशकश की। फिलहाल जीएसटी की दरों में और कटौती के आसार नहीं इस बीच सरकार ने साफ संकेत दिया है कि जीएसटी की दरों में अब और कटौती नहीं की जाएगी। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में अब तक राजस्व संग्रह के आंकड़ों को लेकर सरकार चिंतित है, इसलिए फिलहाल जीएसटी की दरों में और कटौती नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में सरकार की उम्मीद से लगभग 43,000 करोड़ रुपये कम राजस्व जीएसटी से मिला है।

केंद्र को उम्मीद थी कि जीएसटी से हर माह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि केंद्र और राज्यों को प्राप्त होगी लेकिन अप्रैल को छोड़ दें तो अब तक ऐसा देखने को नहीं मिला है। यही वजह है कि पहली तिमाही में राजस्व संग्रह लगभग 43,000 करोड़ रुपये कम रहने का अनुमान है। उल्लेखनीय है कि जब से जीएसटी लागू हुआ है तब से सरकार एक तिहाई वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दरें घटा चुकी है।

इसके चलते सरकार के खजाने पर पिछले साल जुलाई से इस साल मार्च के दौरान लगभग 70 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है। 21 जुलाई को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में 88 वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी की दर घटायी गयी थी जिससे सरकार के खजाने पर सालाना 8-10 हजार करोड़ रुपये का बोझ पड़ने का अनुमान है।


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