चंद्रबाबू के नदी किनारे वाले बंगले पर विवाद, खाली करना होगा आवास
वाइएसआर कांग्रेस विधायक ने कहा खाली करना होगा आवास। तेदेपा नेता ने कहा बदले की राजनीति कर रही प्रदेश की नई सरकार।
अमरावती, आइएएनएस। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व तेदेपा प्रमुख एन. चंद्रबाबू नायडू के नदी किनारे वाले बंगले को लेकर राज्य में नया विवाद पैदा हो गया है। वाइएसआर कांग्रेस के विधायक अल्ला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा है कि नायडू को नदी किनारे वाला बंगला छोड़ना होगा।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए तेदेपा नेता पी. केशव ने कहा कि प्रदेश की नई सरकार बदले की राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि यह मामला कोर्ट में लंबित है। इसलिए, वाइएसआर कांग्रेस विधायक की टिप्पणी अनुचित है।
रेड्डी ने मंगलवार को कहा कि तेदेपा प्रमुख को बंगला खाली करना होगा, क्योंकि वह नदी की जमीन पर बना हुआ है। वाइएसआर कांग्रेस विधायक की यह टिप्पणी चंद्रबाबू द्वारा सरकार को लिखे गए उस पत्र के क्रम में आई है, जिसमें उन्होंने कृष्णा नदी के किनारे स्थित बंगला 'प्रजा वेदिका' का इस्तेमाल पार्टी कार्यकर्ताओं की बैठक आदि के लिए करने की अनुमति मांगी थी।
नायडू इस बंगले में वर्ष 2016 से रह रहे हैं, जब आंध्र प्रदेश का प्रशासन हैदराबाद से अमरावती स्थानांतरित हुआ था। 'प्रजा वेदिका' पूर्व सीएम का आधिकारिक आवास रहा। नेता विपक्ष होने के कारण फिलहाल नायडू के पास कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी है।
नायडू के बंगले समेत अन्य अनाधिकृत निर्माण के खिलाफ विधायक रेड्डी लड़ाई लड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण कानून-1884 के तहत जब तक इन अनाधिकृत निर्माणों को ध्वस्त नहीं कर दिया जाता, उनकी लड़ाई जारी रहेगी।
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