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उप सभापति चुनाव में अमित शाह के प्रबंधन और नीतीश की कवायद ने दिखाया रंग

खुद शाह ने नाराज चल रही शिवसेना, थोड़े से खिंचे-खिंचे अकाली दल और वाइएसआर कांग्रेस को पूरी तरह समर्थन के लिए खड़ा करने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली थी।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 09 Aug 2018 09:36 PM (IST)Updated: Fri, 10 Aug 2018 12:11 AM (IST)
उप सभापति चुनाव में अमित शाह के प्रबंधन और नीतीश की कवायद ने दिखाया रंग
उप सभापति चुनाव में अमित शाह के प्रबंधन और नीतीश की कवायद ने दिखाया रंग

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्षी एकजुटता के दावों के बीच उनके मजबूत सदन में ही उपसभापति चुनाव जीतकर राजग ने जहां कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। वहीं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने फिर से अपने माइक्रो मैनेजमेंट का लोहा मनवा दिया है।

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जदयू के सदस्य हरिवंश नारायण सिंह के पीछे खड़े शाह ने जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा की दस सदस्यीय टीम लगा दी थी। कमान खुद अपने हाथ में रखकर वह रोजाना इसकी निगरानी कर रहे थे। रणनीति काम कर गई। राजग से बाहर खड़े जिन दलों ने समर्थन में वोट दिया उसने तो मदद की ही, जो बाहर रहे उन्होंने भी परोक्ष समर्थन किया।

यूं तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक, तेलंगाना मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को फोन कर समर्थन मांगा था। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पटनायक से बात कर पूरा आधार तैयार कर दिया था। इंडियन नेशनल लोकदल को साधने में जदयू के केसी त्यागी ने भी भूमिका निभाई। लेकिन भाजपा ने इसका पूरा आधार तैयार किया कि सबकुछ दुरुस्त रहे।

शाह की ओर से सोमवार को एक औपचारिक टीम बनाई गई थी और हर किसी की जिम्मेदारी तय कर दी गई थी। खुद शाह ने नाराज चल रही शिवसेना, थोड़े से खिंचे-खिंचे अकाली दल और वाइएसआर कांग्रेस को पूरी तरह समर्थन के लिए खड़ा करने की जिम्मेदारी अपने कंधे पर ले ली थी। इन दलों से संपर्क करने के लिए पीयूष गोयल भी उनके साथ थे।

संसदीय कार्यवाही से भली-भांति परिचित मुख्तार अब्बास नकवी के साथ अनिल जैन के जिम्मे भाजपा के सभी सदस्यों के साथ लगातार संपर्क, उनका प्रशिक्षण आदि शामिल था। तो भूपेंद्र यादव को समाजवादी पार्टी, एसडीएफ, पश्चिम बंगाल से आने वाले ऋतुब्रत बनर्जी जैसे सदस्यों को साधने की जिम्मेदारी दी गई। पीयूष गोयल को अमर सिंह, तृणमूल के केडी सिंह, परिमल नाथवानी, संजय ककाडे, सुभाष चंद्रा से संपर्क करने को कहा गया।

राम माधव और धर्मेद्र प्रधान को हाल ही में राजग से अलग हुई पीडीपी से संपर्क साधने की जिम्मेदारी मिली और भाजपा के खिलाफ खुलकर बयानबाजी करने वाले आम आदमी पार्टी से बात करने की जिम्मेदारी प्रधान व गोयल को मिली। जेपी नड्डा और निर्मला सीतारमण ने टीआरएस से बात की। खुद उपसभापति उम्मीदवार हरिवंश को भी केरल के स्वतंत्र उम्मीदवार वीरेंद्र कुमार से संपर्क करने का आग्रह किया गया।

बताते हैं कि पिछले तीन दिनों से शाह रोजाना अपनी टीम से पूरा फीडबैक ले रहे थे। गुरुवार को भी भाजपा के सदस्यों को समय से पूर्व बुला लिया गया था।


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