थाईलैंड की अदालत में भारत के हाथों परास्त हुआ पाकिस्तान
अदालत ने बुधवार को सुनवाई के दौरान कहा कि सैयद मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगाड़ा भारतीय नागरिक है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। थाईलैंड की अदालत में पाकिस्तान को जबरदस्त मुंह की खानी पड़ी है। पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए थाईलैंड की स्थानीय अदालत ने अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा शकील के करीबी मुजक्किर मुदस्सर हुसैन उर्फ मुन्ना झिंगड़ा को भारत का नागरिक माना है और उसे जल्द ही भारत को प्रत्यर्पित करने का आदेश दिया है।
पाकिस्तान मुन्ना झिंगड़ा को अपना नागरिक बताते हुए उसे अपने यहां प्रत्यर्पित कराने की कोशिश कर रहा था।दरअसल मुन्ना झिंगड़ा 200 में थाईलैंड में मुंबई हमले के आरोपी दाऊद इब्राहिम के दुश्मन अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन की हत्या के प्रयास के दौरान गिरफ्तार किया गया था। थाईलैंड कानून के मुताबिक उसकी सजा दिसंबर 2016 में पूरी हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने उसे अपना नागरिक बताते हुए प्रत्यर्पित करने का दावा किया। लेकिन भारत इसका पुरजोर विरोध करते हुए कहा कि झिंगड़ा भारतीय नागरिक और यहां कई मामलों में वांछित है, इसे उसे भारत प्रत्यर्पित किया जाए।
अंतत: मामला थाईलैंड की अदालत में चला गया। मुन्ना झिंगड़ा को अपना नागरिक साबित करने के लिए पाकिस्तान ने उसकी पत्नी और बेटी को अदालत में पेश किया। पाकिस्तान की ओर से कुल 61 गवाह अदालत में पेश किये गए। साथ ही झिंगड़ा के पाकिस्तानी पासपोर्ट के साथ गिरफ्तार होने का भी हवाला दिया। वहीं पाकिस्तान के जवाब में भारत ने झिंगड़ा के परिवार और संबंधियों का डीएनए सैंपल अदालत में पेश किया। इसमें झिंगड़ा की मुंबई में रह रही पहली पत्नी और बेटी का डीएनए भी शामिल था।
इसके साथ ही मुंबई पुलिस ने झिंगड़ा के खिलाफ तैयार पूरा डोजियर भी थाईलैंड कोर्ट के सामने रख दिया। इससे पाकिस्तान का झूठ पकड़ा गया और अदालत ने उसे भारत प्रत्यर्पित करने का आदेश सुना दिया।झिंगड़ा और उसके पाकिस्तानी आकाओं को थाईलैंड की अदालत से ऐसे फैसले की उम्मीद नहीं थी। यही कारण है कि फैसला सुनते ही झिंगड़ा आपे से बाहर हो गया और जज को गालियां देने लगा। अदालत में मौजूद पाकिस्तान राजनयिक का भी यही हाल था।